पटना, 19सितम्बर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 105वाँ स्थापना दिवस समारोह आगामी 19अक्टूबर को आहूत किया जाएगा। इस अवसर पर सम्मेलन द्वारा दी जाने वाली सर्वोच्च मानद उपाधि ‘विद्या वाचस्पति’ और ‘विद्या वारिधि’ के साथ ‘साहित्य-शिरोमणि’, ‘साहित्य-चूड़ामणि’, ‘साहित्य-मार्तण्ड’ तथा ‘साहित्य शार्दूल’ अलंकरणों से विद्वानों और विदुषियों को विभूषित किया जाएगा। इसी दिन सम्मेलन की सर्वोच्च समिति ‘स्थायी समिति’ की भी बैठक संपन्न होगी।यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि, इस संबंध में सभी आवश्यक निर्णय लेने के लिए आगामी 24सितम्बर को अपराहन तीन बजे सम्मेलन की कार्यसमिति की बैठक आहूत की गई है। बैठक में पूर्ण दिवसीय कार्यक्रम का स्वरूप स्पष्ट किया जाएगा। समारोह के उद्घाटन हेतु, बिहार के महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया जाएगा।डा सुलभ ने बताया है कि सम्मेलन के पुस्तकालय का भी जीर्णोद्धार कर,उसे आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है। स्थायी समिति में लिए गए निर्णय के अनुसार नव-विकसित पुस्तकालय का नाम सुप्रसिद्ध साहित्यकार और स्मृति-शेष प्राचार्य प्रो मुरलीधर श्रीवास्तव ‘शेखर’ के नाम पर रखा गया है। इस पुस्तकालय का लोकार्पण भी स्थापना-दिवस समारोह में किया जाएगा। इसी अवसर पर सम्मेलन द्वारा सद्यः प्रकाशित पुस्तकों का भी लोकार्पण संपन्न होगा।सम्मान हेतु अनुशंसाएँ इस महीने के अंत तक भेजा जा सकता है। कोई भी साहित्यकार किसी की भी अनुशंसा, उनके जीवन-वृत के साथ भेज सकते हैं। इस हेतु सम्मेलन की ज़िला शाखाओं को भी अनुशंसा भेजने के लिए कहा गया है।