पाकिस्तान सरकार वहां की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत देगी। न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी देते हुए ये भी बताया है कि ये फैसला मानवता के आधार पर लिया गया है। पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने इस बारे में इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमीशन को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजा है। बता दें कि जाधव इंडियन नेवी के एक रिटायर्ड अफसर हैं। पाक का दावा है कि जाधव को बलूचिस्तान से पिछले साल अरेस्ट किया गया था। पाक मिलिट्री ने उन्हें अशांति फैलाने और जासूसी करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इस पर रोक लगा दी थी। तब से यह मामला आईसीजे में ही चल रहा है।
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन मोहम्मद फैजल ने कहा- पाकिस्तान सरकार ने कमांडर कुलभूषण जाधव को पत्नी से मिलने की इजाजत देने का फैसला किया है। यह मंजूरी पूरी तरह मानवता के आधार पर दी गई है। इस बारे में एक डिप्लोमैटिक नोट इंडियन हाई कमीशन को भेज दिया गया है।
– बता दें कि भारत ने पाकिस्तान से जाधव की मां अवंतिका को वीजा देने की अपील की थी। पाकिस्तान कई बार जाधव के लिए कॉन्स्युलर एक्सेस देने की मांग ठुकरा चुका है। जाधन ने 22 जून को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के सामने मर्सी पिटीशन फाइल की थी।
परेशानी की वजह क्या?
– पिछले महीने पाकिस्तान आर्मी के एक अफसर ने कहा था कि कुलभूषण जाधव की दया याचिका पर जल्द फैसला लिया जाएगा। मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था, “मर्सी पिटीशन आर्मी चीफ के पास है। इस पर जल्द ही आपको खबर देंगे।”
– हालांकि, इसके बाद पाकिस्तान के मीडिया में खबर आई थी कि भारत में पाकिस्तान के नए हाई कमिश्नर सोहेल महमूद ने सुषमा स्वराज से सीक्रेट मीटिंग की है। एक पाकिस्तानी अखबार ने यहां तक दावा किया था कि भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कह दिया है कि अगर दोनों देशों को रिश्ते सुधारने के लिए बातचीत करनी है तो जाधव को फौरन रिहा किया जाए। बाद में पाकिस्तान की फॉरेन मिनिस्ट्री ने इस खबर को बेबुनियाद बताया था।