पटना , १ अक्टूबर। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ को, उनके अनुशासित, कल्याणकारी और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व और विशद साहित्यिक अवदान के लिए, प्रेरणा सम्मान से विभूषित किया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी और बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष डा विजय प्रकाश को भी इसी अलंकरण से विभूषित किया गया। इन्हें वरिष्ठ नागरिकों की सुचर्चित संस्था अभिलाषा फ़ाउंडेशन के तत्वावधान में “विश्व वृद्धजन दिवस” पर रविवार को आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि और सुविख्यात चिकित्सक पद्मश्री डा गोपाल प्रसाद और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी श्यामजी सहाय ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।संस्था के सचिव और बिहार प्रशासनिक सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी आनन्द बिहारी प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत करते हुए, संस्था के उद्देश्यों और गत एक दशक की उपलब्धियों की चर्चा की।इस अवसर पर, बेउर स्थित इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च के विद्यार्थियों ने वृद्धावस्था की समस्याओं और उनकी पीड़ा को दर्शाती एक मार्मिक लघु-नाटिका “एक और आ गया” की प्रस्तुति भी की गयी। संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में प्रभावशाली अभिनय के लिए महिमा शर्मा, अमीषा कुमारी, सौरभ कुमार, प्रताप कुमार, अभिषेक सिंह, अंशु कुमार राय, सैलाब सागर, धीरज कुमार आदि कलाकारों को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला ।मुख्य अतिथि के रूप में अपना विचार रखते हुए, डा गोपाल प्रसाद ने कहा कि वृद्धजनों की अनेक समस्याओं में स्वास्थ्य की समस्या सबसे बड़ी होती है। उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान सबसे पहले रखना चाहिए । बुजुर्गों को सम्मान मिलना चाहिए और उनके अनुभवों का लाभ नयी पीढ़ी को प्राप्त करना चाहिए। बुजुर्ग बोझ नहीं नयी पीढ़ी के लिए बौद्धिक पूँजी होते हैं।संस्था की अध्यक्ष ज्योति श्रीवास्तव, मृदुला प्रकाश, सुशील कुमार लाल, एस एन पाण्डेय, राम नारायण सिंह, रेणु गुप्ता, प्रभात कुमार, निवेदिता, मनोज कुमार सौमित्र, डा नामित कुमार, डा पूनम आनन्द, मीरा श्रीवास्तव, पूनम देवा, संजय कुमार सिंह, विवेक रंजन, शांति शर्मा, मधुरेश नारायण, छोटेलाल गुप्ता, विभा रानी श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार रखे । मंच का संचालन शिवानी गौड़ ने किया।इस अवसर पर, इन्दु उपाध्याय , डा शालिनी पाण्डेय, मधु रानी लाल आदि बड़ी संख्या में तीनों पीढ़ियों के लोग उपस्थित थे। सबने वृद्धों की समस्याओं को जाना और वरीय नागरिकों के प्रति अपने कर्तव्यों को स्मरण किया ।