20 से 25 % फीसदी लड़कियां हर महीने थायरॉइड की शिकार
महिला जिला अस्पताल की काउंसिलर अंजु कहती हैं, इन दिनों लड़कियां सबसे ज्यादा जूझ रही हैं इरेग्युलर पीरियड्स और फैट की प्रॉब्लम से। अगर हमारे पास महीने भर में 800 गर्ल्स काउंसलिंग के लिए आती हैं, तो इसमें सबसे तादाद उनमें इन दो प्रॉब्लम्स को लेकर होती है। यही नहीं, फैट की प्रॉब्लम वाली 20 -25 प्रतिशत लड़कियों की जांच में थायरॉइड निकल रहा है।’
वहीं इंदिरा नगर स्थित न्यूट्रीवेल क्लीनिक की डायटीशियन डॉ. सुरभि जैन बताती हैं, ‘ओपीडी में आने वालीं करीब 100 लड़कियां और महिलाएं ऐसी होती हैं, जिनमें वेट कम न होने की शिकायत रहती है। इनकी जांच और अल्ट्रासाउंड्स से पता चलता है कि वे थायरॉइड की मरीज हैं या फिर पीसीओडी (पॉलिसाइटिक ओवरी डिसीज) की।
प्रभावित होते हैं हॉर्मोंस
डायटीशियन डॉ. सुरभि जैन ने अनुसार, बाहर का खाना प्रिजर्वेटिव और हाइली प्रॉसेस्ड होता है जो सीधे हार्मोंस को प्रभावित करता है। थायरॉइड, पीरियड्स समय पर न होना और अल्ट्रासाउंड में छोटी-छोटी गांठें दिखना भी इसी तरह के खाने की एक वजह है। लगातार इसी तरह के खाने से पीसीओडी हो जाता है, जिससे शरीर में अनचाहे बाल ज्यादा मात्रा में निकलने लगते है।
आगे चलकर कंसीव करने में दिक्कत आती है। डॉक्टर्स का मानना है कि थायरॉइड और पीसीओडी दोनों ही बीमारी महिलाओं में 40 के बाद होती है लेकिन आजकल 12 से 15 साल की गर्ल्स को भी ये खतरनाक बीमारियां हो रही हैं।
गलत लाइफस्टाइल है वजह
काउंसिलर अंजू का मानना है कि अक्सर बिजी लाइफ शेड्यूल के चलते लोग बाहर का कुछ भी खा लेते हैं, जिसका सीधा असर आपकी बॉडी पर पड़ता है। दूसरी वजह होता है अनहेल्दी लाइफस्टाइल। समय पर उठना और समय पर सोना भी आपको हेल्दी रखेगा। लाइफस्टाइल सही रहेगी, तो आप कई बीमारियों से बची रहेंगी। साथ ही, जरूरी है टेंशन, स्ट्रेस और गुस्से जैसी चीजों से बचना।
बैलेंस डाइट जरूरी
आप किसी प्रॉब्लम से न गुजरें, इसके लिए जरूरी है बैलेंस डाइट लेना। इसके साथ ही दिन में तीन मील लेना भी आपके लिए जरूरी है। ब्रेकफास्ट हैवी रखें, जिसमें आप सीरियल्स, ओट्स, दलिया या पोहा ले सकती हैं। इसी के साथ लंच में सादा खाना \दाल, रोटी और चावल खाएं। रोज एक फल खाएं। रात को डाइट हल्की रखें।