CIN ब्यूरो /आइए मिलकर प्रेरित करें बिहार – सेंट्रल मीडिया टीम ने पहली बार बिहार इन्फ्लूएंसर अवार्ड 2023 का आयोजन किया, जहां लगभग 150 सोशल मीडिया व्लॉगर्स और कुछ मुख्यधारा मीडिया को आईपीएस विकास वैभव द्वारा सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से बिहार की संस्कृति और प्राचीन गौरव को व्यापक रूप से दिखाने के लिए सोशल मीडिया प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया था। केंद्रीय मीडिया कोर टीम से पुनित आर्यन “बीइंग बिहारी” जिन्हों ने रजिस्ट्रेशन मैनेजमेंट से लेकर रिफ्रेशमेंट से संबंधित मैनेजमेंट को बहुत ज़िम्मेवारी से हैंडल किया, वही आर्यन सोनी “छपरा क्लिकर्स” ने वीआईपी प्रबंधन देखा, श्रद्धा वर्धन “फ्लाइंग एप्रन” जिन्हों पुरस्कार के व्यवस्था को देखा, “वॉरियर अश्वनी” ने पूरी फोटोग्राफी से इवेंट को मैनेज किया, आकाश गुप्ता “आकाश बिहारी” ने छोटे छोटे इवेंट्स के वेदियों को बखुबी से कैप्चर किया , आर्यन “कैमरा वाला बिहारी” ने फोटोग्राफी में अश्वनी को मदद की, अमित कुमार “एक्सप्लोर बिहार” मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की जिम्मेदारी को अच्छे से मैनेज किया, अमन वर्मा
“गया बीट्स” ने सभी पुरस्कार विजेताओं को आमंत्रित किया श्रद्धा के साथ मिलकर, अभिषेक कुमार “अभिषेक.फोटोग्राफर इवेंट के सिनेमैटोग्राफी की जिम्मेदारी निभाई, शिवानी राज “राज रसोई” और सभी कोर टीम ने न केवल इवेंट को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की बल्की वो लोग टॉप 40 बिहार इन्फ्लुएंसर एक्सीलेंस पुरस्कार से सम्मानित किये गये, आईपीएस विकास वैभव के द्वारा।। कार्यक्रम की आयोजक श्रीयम नारायण और मुख्य मीडिया समन्वयक ने ऐसे कार्यक्रमों को भव्य स्तर पर आयोजित करने के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी क्योंकि सामग्री निर्माताओं को सोशल मीडिया पर उनकी रचनात्मकता के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए। श्री वैभव ने अपने संबोधन में अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों को समझाते हुए अभियान के उद्देश्यों को बताया और कहा कि बिहार की भूमि प्राचीन काल से ही ज्ञान, शौर्य एवं उद्यमिता की प्रतीक रही है और यह कि हम उन्हीं यशस्वी पूर्वजों के वंशज हैं जिनमें अखंड भारत के साम्राज्य को स्थापित करने की क्षमता तब थी जब न आज की भांति विकसित मार्ग थे, न सूचना तंत्र और न उन्नत प्रौद्योगिकी । यह हमारे पूर्वजों के चिंतन की उत्कृष्टता ही थी जिसने बिहार को ज्ञान की उस भूमि के रूप में स्थापित किया जहाँ वेदों ने भी वेदांत रूपी उत्कर्ष को प्राप्त किया और जहाँ कालांतर में ऐसे विश्वविद्यालयों स्थापित हुए जिनमें अध्ययन हेतु संपूर्ण विश्व के विद्वान लालायित रहते थे । सभी को उदाहरणों के साथ समझाते हुए उन्होंने कहा कि उर्जा निश्चित आज भी वही है, परंतु यदि हम वांछित उन्नति नहीं कर पा रहे तो आवश्यकता केवल इस चिंतन की है कि नैसर्गिक उर्जा का प्रयोग हम कहाँ कर रहे हैं । आवश्यकता लघुवादों यथा जातिवाद, संप्रदायवाद आदि संकीर्णताओं से परे उठकर राष्ट्रहित में आंशिक ही सही परंतु कुछ निस्वार्थ सकारात्मक सामाजिक योगदान समर्पित करने की है । उन्होंने सभी से चिंता नहीं अपितु चिंतन तथा आपस में संघर्ष नहीं अपितु सहयोग करने का आह्वान किया । बिहार के उज्ज्वलतम भविष्य निर्माण में सभी इन्फलूएंसर से योगदान करने का आह्वान किया । कार्यक्रम के दौरान केक काटा गया और समूह फोटोग्राफी के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।