Kaushlendra Pandey :भाजपा पर प्रहार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि कि पिछले 9.5 वर्षों में प्रचारजीवी बन चुकी भाजपा अपने दो कार्यकाल में जनता को कोरे सपने दिखाने के अलावा कुछ नहीं किया है. चाहे आम जनता की आमदनी बढ़ाने का वादा हो, या मंहगाई कम करने का वचन हो, आज तक इनका कोई वादा पूरा नहीं हुआ है. ऊपर से इन्होने एक पूरी पीढ़ी को उन्मादी बना दिया है. इनकी कारगुजारियों से देश का सांप्रदायिक तानाबाना तार-तार हो चुका है. इसे लेकर जनता में जबर्दस्त आक्रोश पनपने लगा है. इनसे रोजाना सवाल पूछे जा रहे हैं, जिसका जवाब देने की इनमें हिम्मत नहीं बची है. इसीलिए भाजपा के नेता अब अभद्र बयानबाजी कर लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं.भाजपा को चुनौती देते हुए भाजपा यह जान ले कि उनकी गाली-गलौज की राजनीति में जनता का इंटरेस्ट नहीं है. यदि उनमें हौसला हो तो वह बताएं कि उनके वादे के मुताबिक 2022 तक सभी बेघरों को घर क्यों नहीं मिला? वह बताएं कि 2022 तक देश के किसानों की आमदनी दुगनी करने के वादे की जगह उनकी आय घट क्यों गयी? वह बताये कि पूंजीपतियों की तरह किसानों को कर्ज में छूट क्यों नहीं मिली? हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ? किसानों को अलग ग्रिड से बिजली देने के वादे का क्या हुआ?जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि कच्चे तेल की कीमत में रिकॉर्ड गिरावट के बाद भी तेल के दाम क्यों कम नहीं हुए, आम लोगों के बजाए इसका लाभ कंपनियों को क्यों और किसके कहने पर दिया जा रहा है? देश में सिर्फ अदानी-अंबानी जैसे अमीरों की आमदनी क्यों बढ़ रही है, मध्यवर्ग की आमदनी क्यों नहीं बढ़ी? स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय पर सैंकड़ों करोड़ रु बहाने के बावजूद भारत में कुशल कामगारों की संख्या 2 फीसदी क्यों है? विदेशों से कितना काला धन देश में वापस लाया गया? मणिपुर हिंसा के दोषियों को सजा क्यों नहीं हो रही है? चीन द्वारा देश की हड़पी जमीन वापस लेने के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही? नमामि गंगे में अरबों रु खर्च करने के बाद भी गंगा जी अभी तक साफ़ क्यों नहीं हुई?उन्होंने कहा कि ऐसे कई सवाल और हैं जो लोगों के जेहन के तैर रहे हैं. भाजपा के नेताओं को समझना चाहिए कि केवल बयानबहादुरी को ही राजनीति नहीं कहते. इसमें केवल बोलना ही नहीं बल्कि सुनना और जवाब भी देना होता है. यदि भाजपा के नेता जनता का आदर करते हैं तो उन्हें सवालों से भागना नहीं चाहिए बल्कि उसका जवाब देकर लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास करना चाहिए.