पटना: भाजपा पर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक सामान्य से गैर-राजनीतिक बयान पर भाजपा के नेता जिस तरह से ओछी राजनीति कर रहे हैं, यह दिखाता है यह लोग नवरात्रि के पवित्र नौ दिनों में भी झूठ बोलना नहीं छोड़ सकते. जिन नौ दिनों में लोग अध्यात्मिक व वैचारिक रूप से शुद्ध रहने के लिए प्रयासरत हैं, उनमें भाजपा के नेताओं का यह निम्न आचरण उनकी मानसिक दरिद्रता को दिखलाता है. खुद को हिंदुत्व का झंडाबरदार बताने वाली इस पार्टी के पाखंड का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान उनके व्यक्तित्व की विराटता को दर्शाता है और सनातन धर्म की समझ को दर्शाता है. यह दिखलाता है कि उनका किसी से वैचारिक ‘मतभेद’ हो सकता है, लेकिन वह किसी से व्यक्तिगत ‘मनभेद’ नहीं रखते. उनका बयान दर्शाता है कि सनातनी शिक्षा के अनुसार वह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का भी सम्मान करते हैं. दूसरी तरफ भाजपा के नेताओं के बयान उनकी संकीर्ण और कलुषता भरी सोच को दिखलाती है. उनसे पता है कि जो भी भाजपा के साथ नहीं है, वह उनके लिए शत्रु के समान है. भाजपा को बताना चाहिए कि क्या सनातन धर्म से उन्होंने यही शिक्षा ली है?जदयू महासचिव ने कहा कि भाजपा नेताओं की इस तरह की ओछी बयानबाजी से पता चलता है कि उन्होंने अटल जी की नीतियों को भी तिलांजली दे दी है. याद करें तो अटल जी भले ही भाजपा में रहें लेकिन उनके मित्र सभी राजनीतिक दलों में थे. चाहे वह कांग्रेस हो या वामदल ,उनके तमाम दलों के राजनेताओं से अच्छे संबंध थें. भाजपा को बताना चाहिए कि क्या वह अटल जी व्यक्तित्व की भी आलोचना करेंगे?उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दिनों में झूठ बोलकर भाजपा ने यह दिखा दिया है कि उनका सनातन धर्म के मूल्यों पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. उनके लिए हिंदुत्व सिर्फ लोगों को उन्मादी बनाने और समाज में सांप्रदायिकता फैलाने का जरिया भर है.