पटना, 25अक्टूबर। नवरात्रा के 9दिन ही नहीं, सभी 365दिन कम से कम एक घंटा का समय माता के लिए, अपने परमात्मा के लिए निकालें। ताकि परमात्मा की कृपा आप पर लगातार बनी रहे। ईश्वर के प्रति समर्पण हृदय से होना चाहिए। समर्पण बोलने से नहीं, करने से होता है। हृदय में श्रद्धा का भाव होना आवश्यक है।यह बातें सोमवार को, अंतर्राष्ट्रीय इस्सयोग समाज के तत्त्वावधान में, गुरुधाम पटना में आहूत नवरात्रि पूजनोत्सव के समापन पर अपने आशीर्वचन में संस्था की अध्यक्ष सदगुरुमाता माँ विजया ने कही।
माताजी ने कहा कि आमलोगों के लिए बाहरी पूजा-पाठ का महत्त्व अवश्य है, किन्तु आंतरिक साधना सूक्ष्म शक्तियाँ प्रदान करती है।विगत 15अक्टूबर को पूर्वाहन 11-50बजे दीप-प्रज्वलन और आह्वान-साधना से आरंभ हुआ इस नव दिवसीय अनुष्ठान के आठवें दिन रात्रि में ‘भैरव बालकों’ के साथ कुल 180कन्याओं का विधिपूर्वक पूजन किया गया। ‘इस्सयोग भवन’ गोला रोड में संपन्न हुए ‘कन्या-पूजनोत्सव’ में इस्सयोगी साधक-साधिकाओं ने कन्याओं को भेंटे अर्पित की। कन्या-पूजन से पूर्व शिवम् झा ने माताजी को चुनरी अर्पित की तथा काव्या सिंह झा ने कन्याओं को चुनरी पहनायी। इसके पूर्व 6घंटे की अखंड-साधना के साथ अखंड संकीर्तन संपन्न हुआ।
गुरुधाम कंकड़बाग में 21 अक्टूबर की संध्या 7-45बजे से आरंभ हुई 24घंटे की अखंड साधना रविवार की संध्या सवा आठ में संपन्न हुई।यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि इस विशेष अनुष्ठान में संस्था के संयुक्त सचिव उमेश कुमार, लक्ष्मी प्रसाद साहू, श्रीप्रकाश सिंह, अनंत कुमार साहू, सरोज गुटगुटिया, डा जेठानंद सोलंकी, कपिलेश्वर मण्डल, किरण प्रसाद, बीरेन्द्र राय, गायत्री प्रदीप, प्रभात चंद्र झा, गीता देवी, माया साहू, गायत्री कृष्ण मोहन राय, नीतिन साहू, डा गीता जेना, अतुल साहू, ममता जमुआर, अरविंद साहू, ई विजय कुमार, अंजलि मंजिता,प्रेम खन्ना, राम कृष्ण, राजेश वर्णवाल, संगीता ठाकुर, विजयश्री कश्यप राजीव कुमार सिंह, रविकान्त मूलचंद, पीयूष अनामिका, सविता अनिल, डा जेनी, डा कौशलेंद्र कुमार, डा सुप्रभा चंद्रन, अमित लालू समेत बड़ी संख्या में संस्था के अधिकारी और स्वयंसेवक उत्सव की सफलता में अपना योगदान दिया।