Kaushlendra Pandey /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने अपने वक्तव्य में एनसीईआरटी के द्वारा पुस्तकों में इंडिया की जगह भारत लिखने के प्रस्ताव पर कहा कि केंद्र कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार जिस तरह से संविधान के मूल प्रस्तावना इंडिया ही भारत है को बदलना चाहती है, ये किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है । और कहीं ना कहीं अपने स्तर से भाजपा देश के संवैधानिक व्यवस्था को ही बदलने की साजिश में लगी हुई है ,और उनको इस बात का डर है कि इंडिया नाम रहने से देश के लोगों का सोच कहीं ना कहीं इंडिया गठबंधन के प्रति मजबूत हो रहा है । और इस मामले को जिस तरह से भाजपा प्रस्तुत कर रही है ,यह कहीं से भी उचित नहीं है। और भाजपा का ऐसा प्रयास देश के संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने का है। इन्होंने आगे कहा कि भाजपा सिर्फ नाम बदलने पर ही विश्वास करती है और कभी भी जनता और जनता के हितों के लिए काम नहीं करती है। इस तरह की बातें करने वाली भाजपा को को इस बात का जवाब देना चाहिए की क्या वह फिर से नोटबंदी करके रिजर्व बैंक आफ इंडिया लिखे हुए नोटों को बंद करने जा रही है , वह लोगों के पहचान के लिए मिले आधार और पैन कार्ड को भी बदलेगी । भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए वैधानिक पासपोर्ट में जो इंडिया शब्द निहित है उसको भी बदलेगी यह स्पष्ट करना चाहिए । भाजपा जिस तरह की राजनीति करती रही है यह देश और देश की जनता भी अच्छी तरह से समझ और जान चुकी है की आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में एजेंडा के तहत इस तरह की मामलों को तूल देकर चुनावी मुद्दा बनाने के लिए भाजपा एनसीईआरटी के किताबों में बदलाव करके इंडिया की जगह भारत और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करके देश के बच्चों के भविष्य साथ खिलवाड़ करना चाहती है । इन्होंने आगे कहा कि नाम बदलने पर विश्वास करने वाली विश्वास करने वाली भाजपा को देश की जनता सत्ता सब दखल करके उन्हें बदलने जा रही है और इसकी शुरुआत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से स्पष्ट रूप से दिखेगा।