पटना/बेगूसराय : आज बेगुसराय के मटिहानी प्रखंड के चकबली दियारा पंचायत रामदिरी 1 स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रांगण में अतिपिछड़ा समाज द्वारा महासभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम कार्यक्रम में पूर्व मंत्री दामोदर रावत व जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. उनके अतिरिक्त इस आयोजन को बेगुसराय के जदयू जिला अध्यक्ष रुदल राय, जदयू के प्रदेश सचिव शशिभूषण, अखिल भारतीय धानुक महासंघ के अध्यक्ष व के लिए जदयू के वरिष्ठ नेता शंकर प्रसाद व उपाध्यक्ष विजय कुमार राय ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में अतिपिछड़ा समाज के नेताओं व आम लोगों की उपस्थिति रही. इस अवसर पर सभी ने बिहार में हुई जातिगत गणना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए उन्हें कोटि कोटि धन्यवाद दिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा समाज का सबसे बड़ा हितैषी बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर जी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने हमारे अतिपिछड़ा समाज के लिए जितने काम किये हैं उतने पहले कभी किसी ने नहीं किया. भाजपा के तमाम गतिरोध के बावजूद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना करवा कर अतिपिछड़ा समाज के लोगों में एक नई आशा का संचार किया है. इस गणना से प्राप्त आंकड़ों ने यह साफ़ कर दिया है कि अब कोई राजनीतिक दल अतिपिछड़ा समाज को दरकिनार करने की हिम्मत नहीं करने वाला. यहां तक कि भाजपा जैसा अतिपिछड़ा विरोधी दल भी इस गणना के बाद हमारे समाज के आगे-पीछे घुमने लगा है. उन्होंने कहा कि याद करें तो कर्पूरी ठाकुर जी ऐसे पहले मुख्यमंत्री ने जिन्होंने अतिपिछड़ा समाज को बदहाली से निकालने के लिए उन्हें सरकारी नौकरियों में 12% आरक्षण दिया. उसके बाद नीतीश कुमार ही ऐसे नेता हुए जिन्होंने इस समाज के तेज विकास के लिए इसे बढ़ाकर 18% कर दिया. उन्होंने ही अतिपिछड़ा समाज की नेतृत्व क्षमता को निखारने के लिए नगर निकायों व पंचायतों में हमारे समाज को 20% आरक्षण का लाभ दिया. अब जातिगत गणना का उनका यह कदम अतिपिछड़ा समाज के लिए तरक्की और विकास के नये आयामों को खोलेगा. अपनी वास्तविक संख्या की जानकारी होने से अतिपिछड़ा समाज के लोगों को अपनी ताकत का एहसास हुआ है. इससे उन्हें राजनीतिक, सामाजिक व शैक्षणिक तौर पर बल मिलेगा. इस काम के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी. इस इसके लिए अतिपिछड़ा समाज नीतीश कुमार जी का हृदय से आभारी रहेगा और कभी उनका साथ नहीं छोड़ेगा.भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी से छिपा नहीं है कि सर्वाधिक संख्या होने के बावजूद केंद्र सरकार अतिपिछड़ा समाज को अलग से आरक्षण नहीं देती. यही वजह है कि अतिपिछड़ा समाज के अधिकांश लोग अभी भी विकास के तमाम मापदन्डों पर हाशिए पर खड़े हैं. इस समाज की बड़ी संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार को बिहार की तर्ज पर इन्हें हर हाल में अलग से आरक्षण देना चाहिए. यह काम बिना राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत गणना करवाए बिना नहीं हो सकता है. बेफिजूल के मुद्दों पर भी बयान बहादुर बनने वाले उनके सारे प्रमुख नेता केवल अतिपिछड़ों का विकास रोकने के लिए ही इस अत्यंत जरूरी विषय पर मुंह सिले बैठे हैं. इस मौके पर पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने कहा कि एकतरफ जहां इस गणना से अतिपिछड़े समाज में ख़ुशी का माहौल है वहीं भाजपा नेताओं के सीने पर सांप लोटने लगे हैं. इस गणना को रोकने की अपनी हर कोशिश नाकाम से उनके नेता सदमें में चले गये हैं. उन्हें पता चल गया है कि समाज में बड़ी संख्या रखने वाले पिछड़े और अतिपिछड़ों को अब झुनझुना थमा कर राजनीति करना असंभव हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वास्तव में अतिपिछड़ों के विरोध में ही भाजपा ने बिहार में हुई जातिगत गणना को रोकने का भरपूर प्रयास किया था. लेकिन नीतीश सरकार ने अतिपिछड़ों के प्रति अपनी प्रतिबद्धिता के तहत इसे करवा कर ही चैन लिया. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि गरीबों और अतिपिछड़ों के हित में काम करने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता है. हकीकत में भाजपा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखना चाहिए कि अपने कहे पर खरा कैसे उतरा जाता है. चाहे जातिगत गणना की बात हो या शराबबंदी की, उन्होंने तमाम कठिनाई आने के बाद भी जनता से किये अपने हर वादे को पूरा किया है. आज उन्हीं की बदौलत बिहार के हर गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं पहुंच चुकी हैं. स्कुल जाने वाली लड़कियों की संख्या लगभग लडकों के बराबर हो चुकी है. नीतीश जो कहते हैं उसे जरुर करते हैं. भजपा को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा यह जान ले जातिगत गणना का विरोध उसे आने वाले समय में काफी भारी पड़ने वाला है. अतिपिछड़ा समाज अपने हित में काम करने वालों और अपने विरोधियों को कभी नहीं भूलता. आने वाले चुनाव में उसे इसका खामियाजा भोगना ही पड़ेगा.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के उन गिने चुने नेताओं में से हैं जिनका दामन इतने लंबे राजनीतिक सफ़र के बाद भी आज तक बेदाग है. सुशासन के प्रतीक माने जाने वाले नीतीश कुमार जी के प्रशंसक आज भी देश के कोने कोने में हैं. यही वजह है कि तमाम राजनीतिक दल उनकी बात को काफी महत्व देते हैं. भाजपा के खिलाफ विपक्ष की तमाम राजनीतिक पार्टियों को एकजुट करने की उनकी मुहीम को देशव्यापी समर्थन मिल रहा है. सभी दलों को यह विश्वास है कि भाजपा के कुशासन को नीतीश जी के सुशासन मॉडल के जरिये ही ठोस जवाब दिया जा सकता है.इस अवसर पर बब्लू राय, मो० सरफराज, राम प्रकाश महतो, नंदलाल राय, उपाध्यक्ष, ज़िला परिषद आदि जदयू नेता उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में लगभग दस हजार लोगों की उपस्थिति थी जिसमें महिलाओं की संख्या अत्यधिक थी.