पटना: आज मुज्जफरपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के किये गये संबोधन को खोखली जुमलेबाजी बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि हमेशा की तरह इस बार भी गृहमंत्री रटी-रटायी बातों को बोल कर चले गये. इस बार भी बिहार के लोग उनसे अपने सवालों के जवाब देने की उम्मीद करते रह गये, लेकिन गृहमंत्री को अपनी पीठ खुद से थपथपाने से फुर्सत नही मिली. इससे साफ है कि सरकार की नाकामियों को लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं हैं.शाह पर चुटकी लेते हुए जदयू महासचिव ने कहा कि अमित शाह जुमलेबाजी में इतना बह गये कि जिस जातिगत गणना को रोकने में भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोड़ लगा दिया था, उसका क्रेडिट भी वह स्वयं लेने लगे. उन्हें बताना चाहिए कि यदि वह जातिगत गणना के समर्थक हैं तो हमारे बार-बार मांग करने पर भी इसे राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं करवा रहे? उन्होंने कहा कि खुद को अतिपिछड़ों का हितैषी बता रहे अमित शाह को यह बताना चाहिए कि आखिर अतिपिछड़ों से उनका यह कैसा प्रेम है जो इस समाज से आने वाले उनके कार्यकर्ताओं को कर्पूरी ठाकुर जैसे दिग्गजों की जयंती मनाने से रोकता है? वह बताएं कि यदि वह अतिपिछड़ा समाज के समर्थक हैं तो आज तक क्यों इस समाज से आने वाले किसी नेता को बिहार में कभी कोई प्रमुख मंत्रालय नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि अमित शाह जी जान लें कि बिहार में झूठ का ढोल बजाने से उन्हें अब कोई फायदा मिलने वाला नहीं है. थोथे भाषणों से बिहारियों को बरगलाया नहीं जा सकता. जनता को खुद के मुंह से उनकी खुद की तारीफ़ सुनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. जनता जानना चाहती है कि पेट्रोल के दाम कब कम होंगे? 2 करोड़ सालाना नौकरियां कब मिलेंगी? किसानों की आमदनी कब दुगनी होगी? अदानी-अंबानी की तरह आम लोगों की कमाई कैसे बढ़ेगी? हमारे उठाये सवाल उनका पीछा नहीं छोड़ने वालें.जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अमित शाह जी को यह समझ लेना चाहिए कि बिहार में उनकी व्यर्थ है. चाहे वह कितनी भी सभाएं कर लें, उससे 2024 और 25 के चुनाव परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. बिहार का अतिपिछड़ा समाज उनका भ्रम तोड़ देगा. 40 सीटें तो दूर बिहार में उनका खाता भी नहीं खुलेगा.