कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ कीमोथैरेपी दवाएं डीएनए को भी नुकसान पहुंचाती हैं। अब पता चला है कि मानव शरीर की कुछ कोशिकाएं इनकी मरम्मत कर सकती हैं। इसका पता वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने शोध में लगाया है।
कीमेथैरेपी की दवाएं जिन्हें अल्काइलेटिंग एजेंट कहा जाता है, कैंसर की कोशिकाओं में कार्बन और हाइड्रोजन परमाणुओं के समूह को जो़ड़कर उन्हें नष्ट कर देती हैं। इस प्रक्रिया को अल्काइलेशन कहा जाता है। मानव कोशिकाएं अल्काइलेशन को भांपकर इससे हुए नुकसान की मरम्मत कर देती हैं।
शोध के अनुसार, प्रोटीन का एक समूह उस डीएनए की जगह के पास जमा था जो कीमोथैरेपी के दौरान नष्ट हो गया था। दवा दिए जाने के दौरान जिन कोशिकाओं में प्रोटीन के समूह का हिस्सा नहीं था, उनके मृत होने की ज्यादा संभावना रही। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज के बाद हम एक ऐसी दवा का निर्माण करने में सक्षम हो पाएंगे जो कोशिकाओं की अल्काइलेशन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पर हमला कर कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर सके।