जीएसटी की दरें घटाने के बाद सरकार अब टैक्स में कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में जुट गई है। वित्त मंत्रालय ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। मंत्रालय ने मैकडोनाल्ड और डोमिनोज जैसी रेस्तरां चेन समेत करीब 100 बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को टैक्स में कटौती के हिसाब से अपने उत्पादों की कीमतें घटाने को कहा है। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अध्यक्ष वनजा एन सरना ने इस संबंध में सौ शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है।
सरकार की ओर से यह अपील जीएसटी काउंसिल की 10 नवंबर को गुवाहाटी में हुई बैठक में 215 वस्तुओं पर कर दरें कम करने का फैसले फैसले के कुछ दिन बाद की गई है। इस बैठक में 178 वस्तुएं ऐसी हैं, जिन पर जीएसटी की दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत की गई है। एसी रेस्तरां में खाने पर जीएसटी 18 से पांच फीसद किया गया है। ये दरें 15 नवंबर से लागू हो चुकी हैं। जीएसटी की दरों में कटौती से सरकार के खजाने पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है।
हालांकि काउंसिल के इस फैसले के बाद ऐसी शिकायतें आई हैं कि कुछ कंपनियों और रेस्तरां ने अपने उत्पादों का मूल्य बढ़ा दिया है। इसके चलते टैक्स में कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि सरकार को यह चिट्ठी भेजने की जरूरत पड़ी है।
सरना ने उद्योग जगत को लिखे पत्र में कहा कि सरकार ने आम लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती का फैसला किया है। इसलिए वे भी अपने उत्पादों की कीमतें घटाकर आम लोगों को इसका फायदा पहुंचाएं। साथ ही दामों में कटौती के बारे में व्यापक प्रचार भी करें। उद्योग जगत का यह कानूनी दायित्व भी बनता है। उन्होंने इन कंपनियों को यह भरोसा भी दिलाया है कि सरकार उद्योगों के लिए कारोबार की प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए कदम उठाती रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पिछले हफ्ते ही नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी के गठन को भी मंजूरी दी है। यह प्राधिकरण इस बात पर नजर रखेगा कि जीएसटी में कटौती का फायदा आम ग्राहकों तक जरूर पहुंचे।