Kaushlendra Pandey /भाजपा और प्रधानमंत्री दिखावटी, बनावटी और मिलावटी नौकरी देने का सिर्फ जुमलाबाजी कर रहे हैं जबकि बिहार में लाखों लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है: तेजस्वी प्रसाद यादव.संविधान दिवस पर युसूफ मेहर अली के योगदान और उनके द्वारा समाज की मजबूती के लिए जो कार्य किये गये हैं उसको बढ़ाने की आवश्यकता है.संघर्ष, अथक संघर्ष और अन्तिम दम तक संघर्ष करके समाजवादी विचार धारा ने समझौता न करते हुए आर्थिक एवं सामाजिक विषमता समाप्त करने का जो बीड़ा उठाया उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है बोलें रघु ठाकुर.राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संविधान के अवसर पर भारत छोड़ो आन्दोलन एवं साईमन गो बैक का नारा देने वाले समाजवादी नेता युसूफ मेहर अली जी के सम्मान में परिचर्चा का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह की अध्यक्षता में किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन प्रधान महासचिव श्री रणविजय साहू ने की।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह, समाजवादी विचारक रघु ठाकुर, एस0 एन0 साहू एवं विजय प्रताप तथा पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रान्तीय नेताओं की उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि हमारे पुरखे और महापुरूषों का देश की आजादी में जो योगदान रहा है उस पर परिचर्चा हो रही है और खास तौर से युसूफ मेहर अली जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनके विचार, योगदान और उनके द्वारा किये गये कार्यों को जानने का आज सभी को मौका मिल रहा है। ये विचारधारा की मजबूती और विरासत की धारा को आगे बढ़ाने का बेहतर प्रयास है। आज ही के दिन डाॅ0 लोहिया के पुण्यतिथि 12 अक्टूबर, 2023 से शुरू हुए युवा राजद के कार्यक्रम ग्राम चैपाल का समापन पूरे राज्य भर में हो रहा है, जो पूरी तरह से सफल रहा और इससे संगठन के माध्यम से मुद्दों के आधार पर ग्रामीण स्तर पर पार्टी को मजबूती प्रदान करने के संकल्प को आधार मिला है।इन्होंने आगे कहा कि विरासत की राजनीति और पुरखों के विचार को बिहार के स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी के विचारों के साथ समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति को आगे लाने का सरकार का जो संकल्प है उसे हम सभी मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। इन्होंने कहा कि जातीय गणना से गरीब वर्गों की पहचान और उनकी आर्थिक स्थिति को जानने का मौका मिला और सामाजिक न्याय तथा आर्थिक न्याय के माध्यम से जो लोग गरीब हैं और समाज में उपेक्षा के शिकार हैं उन्हें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिए सरकार के स्तर से कार्य किये जा रहे हैं। जातीये जनगणना कराने के लिए हमने प्रधानमंत्री जी से मिलने का प्रस्ताव रखा और सभी लोग माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिले लेकिन केन्द्र सरकार ने कुछ नहीं किया। बाद में हमलोगों ने अपने स्तर से बिहार में जातीय गणना करायी। आंकड़े जो आये उसमें हर जात में गरीब हैं ये पता चला और उनको हक और अधिकार दिलाने के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाया गया। पहले जहां पिछड़े, अतिपिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को 49.5 प्रतिशत आरक्षण मिलता था उसे अब बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया है और 10 प्रतिशत ई0डब्लू0एस0 के लिए जो आरक्षण की व्यवस्था है उसको जोड़कर 75 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। आरक्षण की सीमा जो बढ़ाई गई है उसमें छेड़छाड़ न हो इसके लिए बिहार सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास इस आरक्षण व्यवस्था को जो 75 प्रतिशत की गई है, उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार के पास भेजा गया है। अब गेंद उनके पाले में है और देखना यह है कि भाजपा और केन्द्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।इन्होंने आगे कहा कि बिहार में एक साथ लाखों के तादाद में नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है। शिक्षकों की बहाली में एक साथ एक लाख बीस हजार से उपर लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया, जबकि भाजपा और प्रधानमंत्री दिखावटी, बनावटी और मिलावटी नौकरी देने की बात जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं है। बिहार सरकार के पास वैज्ञानिक तरीके से जातीय गणना के आंकड़े उपलब्ध हैं। यदि किसी को इस पर एतराज है तो केन्द्र सरकार अपने स्तर से जातीय जनगणना करा लें। सिर्फ जुमलाबाजी और लोगों के बीच भ्रम की राजनीति न करें। बिहार सरकार जो झोपड़ी और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवार को दो लाख रूपया मकान बनाने के लिए उपलब्ध करायेगी लेकिन केन्द्र सरकार के स्तर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाये तो ये काम जल्द से जल्द पूरा हो जायेगा।इन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अपने पुरखों और महापुरूषों के विरासत को याद करते हुए उनके द्वारा बताये हुए मार्गों को अपनाकर वैचारिक रूप से लैस होने का कार्य करें जिससे कि आम लोगों को भी पार्टी के स्तर से फायदा पहुंचाय जा सके।इस अवसर पर प्रखर समाजवादी नेता रघु ठाकुर ने कहा कि आज का आयोजन भारतीय राजनीति के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस आन्दोलन के माध्यम से समूचे समाजवादी आन्दोलन और विचारधारा को मजबूती प्रदान करने का जो संकल्प है उसको आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस प्रयास को अगर सफल कर लिया तो हम समाजवादी विचार धारा को मजबूत कर लें तो वैसी शक्तियों को रोक सकते हैं जो आज देश को कमजोर करने के लिए संविधान और संसदीय मर्यादा को तार-तार करना चाहते हैं।इन्होंने कहा कि युसूफ मेहर अली ने 47 साल के उमर में जो कार्य किया वह अविस्मरणीय है। विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा में सुधार के लिए विश्वविद्यालय सुधार समिति का गठन किया और बेटी बचाओ की आन्दोलन की शुरूआत युसूफ मेहर अली ने की और छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए उनके साथ न्याय किया। साथ हीं अंगे्रजों के जुल्म और अन्याय के खिलाफ मजबूती से विरोध किया और समाज को आगे बढ़ाने में अपनी महती भूमिका अदा की। समाजवादी आन्दोलन की बुनियाद और मूल को लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। भीड़ के सहारे हम विचार को मजबूत नहीं कर सकते हैं क्योंकि समाजवादी विचार से आगे बढ़ा है। समाजवादियों ने कभी भी समझौता नहीं किया। इनकी सोंच रही है ‘‘संघर्ष, अथक संघर्ष और अन्तिम दम तक संघर्ष’’ जिसमें समझौता नहीं करना तथा आर्थिक और सामाजिक विषमता को मिटाना रहा है।उड़ीसा से आये हुए श्री एस0 एन0 साहू ने कहा कि युसूफ मेहर अली का जीवन परिचय बहुत ही शानदार और बेहतरीन तथा संघर्षों का रहा है। 27-28 दिसम्बर, 1941 को जब वो पटना आये थे तो सत्याग्रही आन्दोलन में छात्रों को शामिल करवाया और यूथ लीग के माध्यम से संघर्ष और आन्दोलन को आगे बढ़ाया। युसूफ मेहर अली समाज के अन्दर सभी वर्ग और धर्म को सम्मान की सोंच रखते थे जबकि वर्तमान में जो सरकार केन्द्र में है वो धर्म के नाम पर वोट मांगती है, जो संविधन के खिलाफ है।समाजवादी विचारक श्री विजय प्रताप ने कहा कि युसूफ मेहर अली के जो काम अधूरे हैं उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। असंगठित क्षेत्र के लोगों को उन्होंने अधिकार दिलाने का काम किया और उनके हितों के लिए उस समय कानून बनवाया। आज संघ के शाखाओं में गांधी जी के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है जबकि हमारे पुरखों की विरासत शानदार रही है और बेहतर समाज के निर्माण के लिए जो कार्य किया है उसे हमेशा याद रखा जायेगा।इस अवसर पर विषय प्रवेश और परिचर्चा की प्रस्तावना को प्रस्तुत प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री श्री वृषिण पटेल ने की और उन्होंने युसूफ मेहर अली के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री शिवानंद तिवारी श्री उदय नारायण चैधरी, राष्ट्रीय महासचिव डाॅ0 श्रीमती कांति सिंह, श्री श्याम रजक, बीनू यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिंह, डाॅ0 तनवीर हसन, श्री शिवचन्द्र राम, पूर्व सांसद श्री विजय कृष्ण, विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन, फतेह बहादुर सिंह, सुदय यादव, ऋषि यादव, मुकेश रौशन, भीम यादव, सैयद अशरफ अली, सुदय यादव, रामवृक्ष सदा, मंजू अग्रवाल, रामविशुन सिंह, राजवंशी महतो, विनय यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, ऋषि मिश्रा, डाॅ0 उर्मिला ठाकुर, अनवर पाशा, पूर्व विधायक डाॅ0 अनवर आलम, आजाद गांधी, रेयाजुल हक राजू, पे्रमा चैधरी, विजय प्रकाश, उपेन्द्र प्रसाद, फुदेना सिंह, प्रदेश महासचिव मो0 फैयाज आलम कमाल, मदन शर्मा, बल्ली यादव, संजय यादव, प्रमोद कुमार राम, ई0 अशोक यादव, मुकुंद सिंह, भाई अरुण कुमार,खुर्शीद आलम सिद्दिकी, देवकिशुन ठाकुर, संटू कुमार यादव, अरूण कुमार यादव, गुलाम रब्बानी, अभिषेक सिंह, जेम्स कुमार यादव, अनिल कुमार साधु, महेन्द्र प्रसाद विद्यार्थी, अरविन्द सहनी, डाॅ0 अशोक कुमार गुप्ता, पटना जिलाध्यक्ष श्री दीनानाथ सिंह यादव, पटना जिला प्रधान महासचिव मो0 अफरोज आलम, पटना महानगर अध्यक्ष मो0 महताब आलम, गगन कुमार, कुमर राय, विजय कुमार यादव, उपेन्द्र चन्द्रवंशी, सब्बीर अंसारी, शाहीद जमाल, सहित सैंकड़ों की संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने युसूफ मेहर अली के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर हुये परिचर्चा में शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रीतू जायसवाल ने की।प्रदेश राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर समाजवाद के स्थापना में समर्पित नायकों की स्मृति में प्रकाशित पुस्तक लोगों के बीच वितरित किया गया जिसमें समाजवादी नेता आचार्य नरेन्द्र देव, जयप्रकाश नारायण, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया, आचार्य कृपलानी, अशोक मेहता, युसूफ मेहर अली, जननायक कर्पूरी ठाकुर, मीनू मसानी, अरूणा आसफ अली, भूपेन्द्र नारायण मंडल, श्रीधर महादेव जोशी, मधु लिमये, नारायण गणेश गोरे, श्री हरि विष्णु कामथ, मामा बालेश्वर दयाल, समर गुहा, रवि राय, गोलाप, बोरबोरा, मधु दंडवते, जार्ज फर्नाडिस, रामनंदन मिश्र, रामानंद तिवारी, सूर्य नारायण सिंह , राज नारायण, मनीराम बागरी, सुरेन्द्र मोहन, पट्टम ए थानु पिल्लई, किशन पटनायक जैसे विचारक और महापुरूषों के विचारों और उनकी जीवनियों का उल्लेख है। साथ हीं सभी महापुरूषों का पोट्रेट भी जीवनी के साथ लोगों के बीच प्रदर्शनी के लिए रखा गया। कार्यक्रम का समापन कर चले हम फिदा जाने तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों के साथ इन सभी महापुरूषों के सम्मान में मौन रखकर संविधान दिवस पर पुरखों की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया।