प्रिया की रिपोर्ट /स्वाद और संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल में दिल्ली वालों ने चखा स्वर संस्कृति का संगम सरस फूड फेस्टिवल में दिल्ली वालों ने देश भर के स्वाद का जायका चखा। विकेंड के कारण आज मेले में अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिली। एक दिसंबर से सत्रह दिसंबर तक दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर आयोजित होने वाले इस सरस फूड फेस्टिवल लोगों को देश भर के खाने एक ही जगह पर मिल रहे हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) द्वारा आयोजित इस फेस्टिवल में राजधानी के लोगों को भारतीय संस्कृति व खान पान की झलक दिखाई दे रही है। सरस फूड फेस्टिवल के तहत देश भर के 21 राज्यों की संस्कृति और स्वाद के संगम के संगम से न केवल रूबरू हो रहे हैं बल्कि इन राज्यों के सामाजिक ताने बाने के बारे में भी जान रहे हैं और वहां की प्रसिद्ध व्यंजनों से परिचित हो रहे हैं और उसका स्वाद भी ले रहे हैं। यह राजधानी का एक लोकप्रिय उत्सव है जिसमें न केवल दिल्ली बल्कि दिल्ली के बाहर के लोग भी विभिन्न राज्यों के व्यंजन चखने और उसे कैसे बनाते हैं यह जानने के लिए आते हैं। दूसरी बार सरस फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। हक रहीं 21 राज्यों के स्वाद की संस्कृतिकनाट प्लेस स्थित बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर 21 राज्यों के स्वाद की संस्कृति महक रही हैं। यहां के व्यंजन और संस्कृति से लोग रूबरू हो रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से राजस्थान की कैर सांगरी, गट्टे की सब्ज़ी, बाजरे की रोटी, बंगाल की हिलसा, फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, केरल की मालाबार बिरयानी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य राज्यों के बेहतरीन स्वादिष्ट पकवान उपलब्ध हैं। इसमें हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, असम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और गुजरात सहित अन्य राज्य हिस्सा ले रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान (NIRDPR) द्वारा 01 दिसंबर 2023 से 17 दिसंबर 2023 तक नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित हैंडीक्राफ्ट भवन पर सरस फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के 21 राज्यों की क़रीब 150 महिला उद्यमी व स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं 30 से अधिक स्टॉलों पर दिल्ली वालों को स्वाद का जायका चखाएंगी साथ ही अपनी कला का प्रदर्शन भी कर रही हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुख्य कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित देश भर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं को न केवल ग्रामीण उत्पाद बनाने में कुशलता हासिल है बल्कि विभिन्न राज्यों के परंपरागत पकवान बनाने में उनको दक्षता और महारथ हासिल है। ये महिलाएं और उनके साथ अपने कार्य क्षेत्र में दक्ष लोग यहां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।