CIN /सूचनाएं काफी शक्तिशाली होती हैं जिसका प्रभाव अत्यंत व्यापक होता है, इसलिए झूठी जानकारी के प्रसार से हमें बचना चाहिए । जिस प्रकार हम कम्प्यूटर साक्षर होते हैं ठीक उसी प्रकार मिडिया साक्षरता की भी भूमिका महत्वपूर्ण है । हमें सूचनाओं के स्रोत की विश्वसनीयता और तार्किक विचारों के आधार पर जानकारियों को परखना चाहिए । इसके लिए विभिन्न प्रकार के उपलब्ध साधनों जैसे गूगल आदि का भी उपयोग करते हुए उन्हें जांचने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचा जाना चाहिए । हमें न्यूज और व्यूज में अन्तर करने आना चाहिए और स्वतंत्र चिंतन करने की कोशिश करनी चाहिए । ये बातें टी.पी.एस. कॉलेज, पटना के दर्शनशास्त्र विभाग और आई. क्यू. ए. सी. के संयुक्त तत्वावधान में ‘मीडिया साक्षरता: संकट और सुरक्षा’ विषय पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में ख्याातिलब्ध मीडिया विशेषज्ञ मिनती चकलानवीस ने कहीं ।
इसके पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. श्यामल किशोर ने कहा कि मीडिया के लिए कर्त्तव्यनिष्ठता, निष्पक्षता और सत्यनिष्ठता का होना आवश्यक है । इस डिजिटल युग में मीडिया साक्षरता काफी उपयोगी है । गलत, भ्रामक, और फेकन्यूज से बचने के लिए मीडिया साक्षरता और डिजिटल सुरक्षा आवश्यक है । अपनी पूरी ऊर्जा के साथ इस उद्देश्य को आगे बढ़ाना चाहिए । आई. क्यू. ए. सी. विभाग की संयोजक प्रो. रूपम ने कहा कि मीडिया की समाज में महत्त्वपूर्ण भूमिका है इसलिए इस संबंध में हमारी जागरूकता अत्यंत आवश्यक है और किसी भी सूचना को परखने की आवश्यकता है ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रशांत कुमार ने मंच संचालन करते हुए लोगों को इस कार्यक्रम के आयोजन और आवश्यकता पर प्रकाश डाला । धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो. अंजलि प्रसाद ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला को और व्यापक स्तर पर किया जाना चाहिए ताकि हम अपने व्यवहार और चिंतन को समृद्ध कर सकें । इस कार्यक्रम में डॉ. विजय कुमार सिंहा, डॉ. शशि भूषण चौधरी, डॉ. रघुवंश मणी, डॉ. धर्मराज राम, डॉ.सुशोभन पलाधि, डॉ. मुकुन्द कुमार, डॉ. शशि प्रभा दुबे, डॉ. नूतन कुमारी, डॉ. अनिता कुमारी के साथ-साथ बहुत सारे छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया ।