प्रिया की रिपोर्ट / विश्व में तेजी से तकनीक का विकास हो रहा है और इसकी गति इतनी तेज है कि आने वाले दस से पद्रंह वर्षो में तकनीकी रूप से विश्व का स्वरूप ही बदल जायगा । आर्टीफीशीयल इंटलीजेन्स मानव जीवन पर बड़ा प्रभाव डालने वाला है । यह इसी प्रकार होगा जैसा कि आग की खोज ने मानव जीवन पर डाला था । यह बातें आज टी.पी.एस. कॉलेज, पटना में द्वितीय ठाकुर प्रसाद सिंह स्मृति व्याख्यान देते हुए उप-निदेशक, इंकम टैक्स, नई दिल्ली श्री सौरभ प्रताप सिंह ने कहीं । ”इमरजिंग टेक्नालोजी : फ्युचर परस्पेक्टस” विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री सौरभ ने कहा कि आवश्यकता को अवसर में बदलना ही तकनीक का मुख्य उद्देश्य है और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है । 2025 तक विश्व की पूरी आबादी इंटरनेट से जुड़ जायगी और क्रिस्पर केस के तहत ‘जीन’ में परिवर्तन कर हयूमन एवं सूपर हयूमन की अवधारणा आ जायगी । आज की युवा पीढ़ी के पास इसके इलावा कोई सफलता का मंत्र नहीं है कि आप कितनी जल्दी ज्ञान अर्जित कर उसे उत्पादन में बदल देते हैं । प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि नई तकनीक को अपनाये बिना शिक्षा के क्षेत्र में विकास सम्भव नहीं है । IQAC की कोआर्डिनेटर प्रो. रूपम ने विषय पर्वतन करते हुए कहा कि तकनीक के विकास से ही हम देखते-देखते ट्रंक कॉल से मोबाइल फोन तक पहुँच गये । मंच संचालन उर्दू के जाने माने साहित्यकार प्रो. अबू बकर रिज़वी ने और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. श्यामल किशोर ने किया । इस अवसर पर प्रो. हेमलता सिंह, डॉ. शशिभूषण चौधरी, डॉ. कृष्णनन्दन प्रसाद, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. रघुवंश मणी, डॉ. धर्मराज राम, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. सुशोभन पलाधि एवं पूजा के इलावा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद थे । डॉ. अबू बकर रिज़वी(मीडिया प्रभारी)टी.पी.एस. कॉलेज, पटना