पटना: बिहार के गरीबों को 2-2 लाख देने की राज्य सरकार की घोषणा को ऐतिहासिक बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसे बिहार से गरीबी समाप्त करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है. उन्होंने आज कहा है कि 2005 से सत्ता में आने के बाद से ही नीतीश सरकार का एकमात्र ध्येय बिहार को बदहाली से निकाल कर, एक खुशहाल प्रदेश बनाना था. अत्यंत अल्प साधनों व तमाम बाधाओं के बावजूद नीतीश सरकार ने वह सारे कदम उठाये जिसने बिहार को 10.98% की दर से विकास करने वाला देश का सबसे तेज राज्य बना दिया.जदयू महासचिव ने कहा कि बिहार से गरीबी समाप्त करने के लिए नीतीश सरकार ने जातिगत गणना व आर्थिक सर्वे करवाया, जिससे सभी जाति-धर्मों के वास्तविक आंकड़े सरकार को पता चल गये और अब बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत सरकार सभी वर्गों के अत्यंत गरीबों के विकास में जुट चुकी है. इस योजना के तहत सरकार राज्य के 94 लाख से अधिक परिवारों को स्वरोजगार के लिए 2-2 लाख रु की राशि प्रदान करने वाली है. इस अनुदान राशि से किये जाने वाले स्वरोजगार के लिए 62 उद्योग भी चिह्नित किए गए हैं. इनमें लकड़ी आधारित उद्योग, निर्माण उद्योग, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग आदि उद्योग शामिल हैं.उन्होंने कहा कि जाति धर्म से परे इस योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों के गरीबों को मिलेगा. इस योजना से न केवल चिन्हित गरीब परिवार सशक्त होंगे बल्कि इससे अप्रत्यक्ष रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.नीतीश सरकार को बिहार की गरीबी मिटाने के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार द्वारा किये कामों का ही परिणाम है कि 2005 से लेकर अभी तक बिहार के 44 प्रतिशत से अधिक लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं. आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ पिछले 9 वर्षों में ही बिहार के 3.77 करोड़ से अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आये हैं. नीतीश सरकार के प्रयासों से आज बिहार के हर गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा पहुंच चुकी है. जीविका के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं में स्वावलंबन की भावना जागृत हुई है. इससे गरीबी उन्मूलन के दिशा में चल रहे प्रयासों को काफी बल मिला है.