लखनऊ: 14 फरवरी 2024 लखनऊ के शहीद पथ पर स्थित अत्यंत लोकप्रिय लुलू मॉल में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए बीर जवानों की याद में भव्य समारोह का जायोजन किया गया। समारोह की शुरूआत सीआरपीएफ की बैंड धुन के साथ हुआ जिन्होंने अपने वीरता भरी धुनों से शहीदों को याद किया। इसके बाद पुलवामा के शहीदों को याद करते हुए इस दुखद घटना के बारे में जानकारी दी गयी कि 14 फरवरी 2019 को दोपहर लगभग 1515 बजे केरिपु.बल के जम्मू से श्रीनगर जा रहे काफिले जिसमें लगभग 78 वाहनों में कुल 2500 जवान थे को जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के पास लेथपोरा में आत्मघाती हमला किया गया जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गये। इस घटना को पाकिस्तान पोषित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन से जुड़े 22 वर्षीय आत्मघाती दुर्दान्त आतंकवादी आदिल अहमद डार जो कि पुलवामा जिले के काकापोरा का एक स्थानीय कश्मीरी युवक था, ने विस्फोटक से भरी एक मोटरकार को अचानक विपरीत दिशा से लाकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले की एक बस को निशाना बनाकर उसमें टक्कर मार दी जिससे बस में सवार 40 जवान शहीद हो गये तथा कई जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गये जिन्हें नजदीक के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। आत्मघाती आतंकवादियों ने केरिपु.बल की जिस बस को निशाना बनाया वह 76 बटालियन केरिपु. बल की बस थी जिसमें ज्यादातर कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल एवं ट्रेडमैन रैंक के जवान थे जो कि 76, 45, 176, 115, 92, 82, 75, 61, 35, 98 एवं 118 बटालियन सीआपीएफ में पदस्थ थे। इस हमले में आतंकवादियों द्वारा लगभग 300 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था।आतंकवादियों द्वारा किया गया यह हमला भारत के 03 दशकों का सबसे बड़ा/भीषण आतंकवादी हमला था।इस हमले में शहीद हुए जवानों में हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, जम्मू – कश्मीर, केरल, कर्नाटक एवं असम से 01-01, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाड, उड़ीसा एवं उत्तराखण्ड से 02-02, पंजाब से 04, राजस्थान से 05 तथा उत्तर प्रदेश राज्य से 12 कुल 40 जवान शहीद हुए थे।इस भीषण आतंकी हमले की निंदा विश्व के समस्त देशों द्वारा की गई । पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ तथा भारतीय सेना ने इस घटना के 12 दिन के बाद ही नापाक पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानो में एयर स्ट्राइक कर आतंकवादियों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया जिसमें अनगिनत पाक पोषित आंतकवादियों को मौत के घाट उतारा दिया गया।शहीद जवानों की स्मृति में केरिपु.बल की 185 वीं वाहिनी परिसर लेथपोरा, पुलवामा में शहीद स्मारक बनाया गया है। पूरे देश में प्रत्येक वर्ष 14 फरवरी को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।इसके पश्चात समारोह के अगले चरण “एक दिया शहीदों के नाम’ में उपस्थित सम्मानीय अतिथियों ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी एवं दियों को प्रज्जवलित किया तथा दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को सम्मान दिया गया। इस अवसर पर बीर शहीदों के वीरता से जुड़े वीडियों का प्रदर्शन किया गया। लुलू मॉल के महाप्रबंधक ने भी इस कायराना हमले तथा भारतीय बलों की वीरता से जुड़े तथ्यों पर प्रकाश डाला तथा भारतीय बलों के प्रति अपनी असीम श्रद्धा प्रकट करते हुए सभी समुदायों के बीच एकता को आवश्यक बताया। इस मौके पर सीआरपीएफ की गाथा एवं इसके गौरवमयी इतिहास को दर्शाते हुए भी एक लघु वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। समारोह को आगे बढ़ाते हुए पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि हेतु बनाए गए स्थान के समक्ष सभी ने मोमबत्तियां जलाई। यह दृश्य अत्यंत भाव विभोर करने वाला था। इसमें वहां मौजूद सभी ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। समारोह के अंत में पुलवामा शहीदों की याद में सभी ने लुलू नॉल के गेट नं0-1 तक पैदल मार्च किया। इस समारोह में लुलू मॉल के महाप्रबंधक श्री नोमेन अज़ीज़, रीजिनल डायरेक्टर श्री जयकुमार गंगाधरन, पब्लिक रिलेशन मैट्रकेटिंग सेबटेन हुसैन मार्केटिंग हेड लुलू मॉल श्री नरेश सलूजा तथा अन्य पदाधिकारियों और अतिथियों के अलावा सीआरपीएफ की ओर से श्री एस०पी० सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं श्री डी०एन०यादव, कमाण्डेट तथा अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। श्री एस पी सिंह पुलिस उप महानिरीक्षक ने हमारे संवाददाता को बताया कि सीआरपीएफ ने स्वंय को लोकतंत्र का सबसे मजबूत प्रहरी सिद्ध किया है। जब कभी भी देश की अखंडता एवं लोकतंत्र के समक्ष कोई भी चुनौती आई तो इस बल के बहादुर जवानों और अधिकारियों ने पूरी निष्ठा से असीम शौर्य का परिचय देते हुए उसका डटकर सामना किया तथा देश की सुरक्षा और सम्मान को बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। इस तरह की चुनौतियां उन्हें और मजबूत बनाती है तथा ये नई रणनीति और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ते हुए देशविरोधी ताकतों का सफाया करते रहे हैं और भविष्य में भी वे ऐसी ताकतों के आगे दीवार रूपी कवच बनकर सदैव खड़े रहेंगे तथा देश की आशाओं पर खरे उत्तरेंगे।