नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुई ज्यादतियों पर राहुल गाँधी को चुप्पी तोड़ने की चुनौती देते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि सत्ता के शह के तृणमूल कांग्रेस के गुर्गों द्वारा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की महिलाओं के साथ की गयी दरिंदगी ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. इस भयावह व जघन्य काण्ड ने बिहार के 90 के दशक के राजद-कांग्रेस के जंगलराज की यादें ताजा कर दी हैं. जिस तरह राजद-कांग्रेस के राज में उनके पाले गुंडों को दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की बहु-बेटियों की इज्जत खुलेआम तार-तार करने की छूट मिली हुई थी. आज कुछ वैसा ही मंजर बंगाल में दोहराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक संदेशखाली में महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस के दफ्तर में बुला कर उनका उत्पीडन करना, जमीन कब्जाना, मनरेगा से कमाए पैसे छीन लेना आम बात है. प्रताड़ित महिलाओं में अधिकांश दलित, आदिवासी व पिछड़े-अतिपिछड़े समाज से है. हालात इतने खराब हैं कि जब महिलाओं पर अत्याचार होता है तो पुलिस भी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है, उलटे टीएमसी के गुर्गे उन्हें ही धमकाते हैं. कांग्रेस को निशाने पर लेते जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वहां गरीब महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के इतने भीषण मामलों पर भी राहुल-तेजस्वी जैसे युवराजों की संवेदना नहीं जाग रही है. आगामी चुनाव में टीएमसी के इन्हीं गुंडों के सहारे कुछ सीटों का जुगाड़ होने के लालच ने उनकी आंखे और कान दोनों ही बंद कर दिए हैं. यही वजह है कांग्रेस-राजद और इंडी गठबंधन के इनके सहयोगियों ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार-झारखंड आदि राज्यों में न्याय यात्रा निकाल रहे राहुल गाँधी को बताना चाहिए कि वह संदेशखाली में इस यात्रा पर कब जायेंगे? क्या उनके हिसाब से बंगाल की महिलाओं को न्याय नहीं मिलना चाहिए? क्या उनके निगाह में वहां के गरीबों की बहु-बेटियों की इज्जत का कोई महत्व नहीं है.