Kaushlendra Pandey /पटना: तेजस्वी यादव के 4 लाख नौकरियां देने के बयान को झूठ का पुलिंदा बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि अपने राजनीतिक गुरु राहुल गाँधी की ही तरह राजद के युवराज को भी झूठ की राजनीति करने का चस्का लग गया है. इसी का परिणाम है कि एक तरफ जहां राहुल जातिगत गणना पर लंबी लंबी फेंक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी नौकरियों पर डींगे हांक रहे हैं. जबकि बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि यह सारी उपलब्धियां नीतीश जी के निश्चयों का परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश जी की कृपा से सत्ता में इतने दिन गुजारने के बाद भी राजद नेता को नौकरियों के सृजन की प्रक्रिया तक पता नहीं चल पायी है. उन्हें यह तक नहीं मालूम है कि रिक्तियों की संख्या निकलने तथा उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा मंजूरी मिलने से लेकर बहाली होने तक में अच्छा ख़ासा समय लगता है. उन्हें जानना चाहिए कि सारी रिक्तियों की प्रक्रिया नीतीश कुमार के सात निश्चयों के तहत एनडीए काल में ही शुरू हो चुकी थी, जिनका नियुक्ति पत्र उन्हें नीतीश कुमार जी की कृपा से बांटने का सौभाग्य मिल गया. यहां तक कि शिक्षकों की बहाली भी तब ही संभव हुई जब राजद के शिक्षा मंत्री ने विभाग जाना छोड़ दिया था. यहां तक की बहाली की फाइल पर इनके शिक्षा मंत्री के दस्तखत तक नहीं है.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में झूठ और मक्कारी राजद की कार्यसंस्कृति का हमेशा से अभिन्न हिस्सा रहे हैं. 90 के दशक के राजद राज से लेकर आज तक यह उसी राह पर चल रहे हैं. तब भी इन्होने जनता को झूठ का झुनझुना थमा कर राज किया था और अब भी यह झूठ के सहारे अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजद नेता को यदि अपनी उपलब्धि बतानी ही है तो उन्हें बताना चाहिए कि 90 के दशक से नीतीश सरकार के आने तक उनकी पार्टी ने कितने लोगों को नौकरी दी? वह बताएं कि उस समय रोजगार के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किये थे और कौन सी योजनायें चलायी थी?