पटना: आगामी 4 मार्च को फणीश्वरनाथ रेणु की जयंती मनाने के लिए आज पूर्व मंत्री व विधायक दामोदर राउत के आवास पर एक बड़ी बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन, अखिल भारतीय धानुक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकर प्रसाद समेत दर्जनों लोग सम्मिलित हुए. इस मौके पर पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने कहा कि फणीश्वर नाथ रेणु कोई जनता के अपने कथाकार थें. अपनी रचनाओं के माध्यम से वह न केवल सिस्टम की खामियों को उजागर करते थे बल्कि उससे जनसामान्य को होने वाली पीड़ा और समस्याओं का भी वर्णन होता था. अधिकांश साहित्यकारों की रचनाएँ जहां शहरी विकास तक केन्द्रित रहती थीं वहीं रेणु जी साहित्य सुधियों को ग्रामीण क्षेत्रों के दबे-कुचले वर्ग के उत्थान के लिए प्रेरित करते रहे. आगामी 4 मार्च को उनकी जयंती है, जिसे पूरे उत्साह से मनाना हम सभी का कर्तव्य और दायित्व है. ऐसे आयोजनों से ही युवा पीढ़ी को रेणु जैसे महामानव के व्यक्तित्व व कृतित्व की जानकारी मिलती है.गरीबों-पिछड़ों की समस्याओं को उठाने में रेणु के योगदान को बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि रेणु जी की रचनाओं में न तो भारी भरकम शब्दों के जरिये विद्वता का दिखावा होता था न ही उनके नायक फ़िल्मी पर्दे पर आने वाले हीरो जैसे होते हैं. सरल लेखनी व आंचलिक शब्दों को पिरो कर बनी उनकी कहानियां, पढ़ने वालों को उनके आस-पास घटित होने वाली घटनाओं का एहसास दिलाती थी. लोकगीत, लोकोक्ति, लोक संस्कृति, लोक भाषा और लोक नायक उनके कथा संसार के प्रमुख अंग हैं. यह उनकी लेखनी का ही कमाल है कि मैला आंचल के पात्र बलदेव, कालीचरण, डाक्टर साहब, तहसीलदार साहब आदि पढने वालों को अपने आस-पडोस के लोगों जैसा ही प्रतीत होते हैं. सभी से इस इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि रेणु जी ने अपनी कहानियों में हमेशा उन मुद्दों को जगह दी, जिन पर चर्चा और काम किये बगैर ग्रामीण भारत सशक्त नहीं बन सकता. आज भी उनमें से कई विषयों का काम करना काफी आवश्यक है. इसलिए हम सभी को इस जयंती समारोह को सफल बनाने के लिए तन-मन से जुट जाना चाहिए.