पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि नीतीश कुमार के हटते ही इंडी गठबंधन में मची भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. जिस तरह इस ठगबंधन के नेताओं ने हिमाचल, यूपी में क्रॉस वोटिंग की है और बिहार में पार्टी छोड़ी है, इससे साफ़ पता चलता है कि इंडी गठबंधन अब डूबता जहाज बन चुका है. वंशवाद का पर्याय बन चुके इस ठगबंधन पर जनता के साथ-साथ इनके नेताओं का भी भरोसा उठ चुका है. आने वाले समय यह भगदड़ और तेज होने वाली है.उन्होंने कहा कि वास्तव में कांग्रेस-राजद-सपा जैसे कुछ दलों के प्रमुख परिवारों ने अपनी पार्टियों की तरह इस गठबंधन को भी अपनी खानदानी जागीर समझ लिया है. इन सभी पार्टियों के प्रमुखों की एकमात्र योग्यता अपने-अपने खानदानों का वारिस होना है. चाटुकारों से घिरे इन युवराजों के समक्ष वर्षों से पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले कार्यकर्ताओं का कोई महत्व ही नहीं है. जनता के बीच रहने वाले नेता इनके लिए गुलामों की तरह है, जिनका वजूद सिर्फ झंडा ढ़ोने तक सीमित है. पार्टी की नीतियों में न तो इनकी राय का कोई महत्व होता है और न ही इनकी बातों का. युवराजों के चाटुकार सलाहकार उन्हें जो पट्टी पढ़ाते हैं वही पार्टी की नीतियां बन जाती है. इसी वजह से जमीनी नेताओं को जनता को जवाब देते नहीं बनता. यही उनके आक्रोश की वजह है जो अब ज्वालामुखी बन कर फूटने लगा है.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि इंडी गठबंधन में मची भगदड़ ने यह साबित कर दिया है कि वंशवादी राजनीति की उम्र अब अधिक नहीं बची है. खानदान के नौसिखिये युवराजों के नखरे उठाने को अब कोई तैयार नहीं है. लोकतंत्र बनाम वंशवाद के इस आगामी चुनाव में वंशवादियों की करारी हार होने वाली है. इसके बाद इन पार्टियों को नारा लगाने वाले लोग भी भाड़े पर लाने होंगे.