Kaushlendra Pandey /प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार दिवस पर बिहारवासियों को शुभकामना देते हुए कहा कि अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं, गर्व की बात है। एनडीए की सरकार ने विकास कार्यों को गति देकर बिहार की छवि बदली है। लालू-राबड़ी के 15 साल (1990-2005) के कार्यकाल का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा है कि वह ऐसा दौर था जब बिहारियों का मज़ाक उड़ाया जाता था और अपमान के भय से अन्य प्रदेशों में बिहारी अपनी पहचान छुपाया करते थे।श्री चौधरी ने कहा है कि बिहार की स्थापना के आज 112 साल का हो गए है। बंगाल से 22 मार्च 1912 ई. को बिहार अलग हुआ था। इस लंबे कालखंड में बिहार ने कई उतार-चढ़ाव देखा है।आजादी के बाद के शुरुआती वर्षों में कई मानकों पर अव्वल रहने वाला बिहार बाद के दिनों में लंबे समय तक कांग्रेस और उसके बाद राजद के कुशासन का शिकार हो कर अवनति के गर्त में चला गया था। 2005 में हुए बदलाव के बाद बिहार न केवल विकास की पटरी पर सरपट दौड़ने लगा बल्कि अविकास, अंधकार और अराजक जंगलराज की अपनी छवि से भी बाहर निकला, जिसका श्रेय एनडीए सरकार को जाता है।उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में बलिदान देने, किसान आंदोलन और संविधान निर्माण में बिहार का योगदान अप्रतिम रहा है। देश के प्रथम राष्ट्रपति बिहार ने देश को दिया। बिहार की पहचान कई मायनों में खास है। बिहार दिवस हमारी इसी पहचान को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। राज्य के बाहर देश के अन्य प्रदेशों और विदेशों में रहने वाले बिहारी इस दिवस का आयोजन कर आज अपने को गौरवान्वित महसूस करते है। वाकई आज बिहार बदलते दौर और विकास का प्रतीक बन चुका है।