पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि नीति आयोग के मुताबिक प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के विकासपरक कामों से जहां देशभर में गरीबों की संख्या में कमी आई है, वहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार इस मामले में भी पूरे देश के सामने एक मिसाल बन कर उभरा है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-16 से 2019-21 पूरे भारत में 13.51 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं जिसमें सिर्फ बिहार से 2.25 करोड़ लोग शामिल हैं. इस सूची के मुताबिक इस दौरान बिहार में 18.13% गरीबी कम हुई है, जिससे बिहार में गरीबी स्तर 51.89 से गिर कर 33.76 प्रतिशत तक आ गया है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के मुताबिक 2005-06 में नीतीश कुमार के सत्ता संभालते वक्त बिहार में 78.28 फीसदी आबादी गरीब थी, जो 2019-21 के बीच घटकर 33.76 फीसदी रह गयी और अनुमान के मुताबिक वर्तमान समय में इसके और गिर कर 26प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है. आंकड़ों से स्पष्ट है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के 44.52 फीसदी की दर से तकरीबन 3.77 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आये हैं. वहीं प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के विगत नौ वर्षों के कार्यकाल में पूरे देश से 24.82 करोड़ लोग कई तरह की गरीबी से बाहर आए हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में गरीबों के हित में कई तरह की योजनायें चलायी गयी हैं जिनसे उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर में बेहतरीन उन्नति हुई है. बिहार में साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. केंद्र की आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, मुद्रा जैसी योजनाओं से करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं. दूसरी तरफ बिहार की जीविका योजना ने ग्रामीण महिलाओं तक को आत्मनिर्भर बना दिया है. आज घर-घर में शौचालय, पीने का पानी, बिजली, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाओं की पहुंच हो चुकी है. यह देश और राज्य की उन्नति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हकीकत में विपक्ष को नमो-नीतीश के कामों से सीख लेनी चाहिए कि निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य कैसे किये जाते हैं.