नई दिल्ली: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि कांग्रेस में आलाकमान के प्रति असंतोष की फैली आग थमने का नाम नहीं ले रही है. उनके अहंकार और जमींदारी मानसिकता के कारण कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. कांग्रेस नेताओं में असंतोष का माहौल इतना गहरा हो गया है कि हर दिन इनका कोई न कोई नेता इस्तीफ़ा देकर पार्टी छोड़ रहे हैं. हरिद्वार और राजस्थान में कई नेताओं के सामूहिक इस्तीफे के बाद अब इनके एकलौते प्रखर प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी पार्टी छोड़ चुके हैं. हालात इतने बदतर हैं कि पिछले नौ साल में 13 पूर्व मुख्यमंत्रीयों के साथ-साथ गाँधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. कांग्रेस में मची इस सुनामी से ऐसा प्रतीत होता है कि पूरे देश में ‘कांग्रेस छोडो आंदोलन’ चल रहा है.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने वाले हर नेता इस निर्णय के लिए राहुल गाँधी के अपरिपक्व नेतृत्व व उनकी कार्यशैली को दोषी बता रहे हैं. इसके अतिरिक्त कांग्रेस की सनातन विरोधी मानसिकता को भी लोग एक बड़ा मुद्दा बता रहे हैं. उनका मानना है कि वर्तमान कांग्रेस जनता से कटने के साथ-साथ अपनी वैचारिक जमीन को भी खो चुकी है. गांधी परिवार के गलत फैसलों की वजह से हर जगह चाटुकारों का पार्टी पर कब्जा हो चुका है और कांग्रेस में लिए जाने वाले फैसले जनहित और देशहित के लिए नहीं होते, बल्कि कुछ लोगों के निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए होते हैं.उन्होंने कहा कि वास्तव में राहुल गाँधी के नेतृत्व में वर्तमान कांग्रेस पार्टी के बजाए चाटुकारों का अड्डा बन चुकी है. लोगों का कहना है कि यही मुट्ठी भर चाटुकार राहुल गाँधी की आंख और कान बने हुए. यह लोग अन्य नेताओं की उन तक पहुंच ही नहीं होने देते और जो भी इस गठजोड़ के खिलाफ आवाज उठाता है उसकी जम कर बेइज्जती करवाई जाती है. इसके बावजूद राहुल गाँधी की कार्यशैली में सुधार के कोई लक्षण नहीं दिख रहे. इससे तय है कि वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस में गाँधी परिवार और उनकी परिक्रमा करने वाले चंद नेताओं को छोड़कर कोई नहीं बचेगा.