CIN -लखनऊ- 9 अप्रैल, 2024 गोमती नगर, विभूति खण्ड स्थित सीआरपीएफ के मध्य सेक्टर कार्यालय के प्रांगण में श्री सतपाल रावत, पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में भव्य रूप से शौर्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सेरीमोनियल गार्ड की सलामी लेने के उपरांत श्री सतपाल रावत ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में बताया कि वर्ष 1965 में 9 अप्रैल को रात्रि के अंतिम पहर में 3:30 बजे पाकिस्तान की नियमित सेना की एक पूरी इन्फैन्ट्री ब्रिगेड ने भारत के सीमावर्ती हिस्से पर कब्जा करने के लिए आपरेशन “डेजर्ट हॉक” चलाकर अचानक हमला कर दिया। इसके लिए उन्होंने गुजरात सीमा के रण ऑफ कच्छ में स्थित “सरदार व टाक” पोस्ट को निशाना बनाया जहां उस समय सीआरपीएफ की द्वितीय बटालियन की केवल चार कंपनियां तैनात थीं, जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना की इन्फेंट्री की एक पूरी ब्रिगेड के 3500 सैनिक अपने पूरे साजो-सामान तथा भारी आर्टिलरी एवं पूर्व नियोजित रणनीति के साथ रात्रि के अंतिम पहर में हमलावर हुई थीं। सीआरपीएफ के जवानों के पास सेना के मुकाबले के लायक हथियार नहीं होते हुए भी इनके हौसले बुलंद थे। अपने अदम्य साहस और देश पर मर मिटने के जज्बे के साथ सीआरपीएफ जवानों ने 12 घंटे से भी अधिक समय तक दुश्मन सेना का न केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि दुश्मन के छक्के छुड़ाकर उन्हें वापस भागने के लिए मजबूर कर दिया। सीआरपीएफ ने दुश्मन सेना के 34 सैनिकों को मार गिराया तथा 4 को जीवित बंधक बना लिया। यह सैन्य युद्ध के इतिहास में आज भी अद्वितीय व परम साहसिक कार्य माना जाता है जिसमें अर्धसैनिक बल की एक छोटी सी टुकड़ी के जवानों ने एक पूरे ब्रिगेड के सुनियोजित आक्रमण को विफल कर दिया। दुश्मन की भारी गोलीबारी व 12 घंटे तक मुकाबले के बाद सीआरपीएफ के भी 8 जांबांज शहीद हुए। इन्हीं गर्व के पलों को अविस्मरणीय बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को सीआरपीएफ शौर्य दिवस मनाती है।उस समय तत्कालीन गृहमंत्री स्वर्गीय गुलजारी लाल नन्दा ने बल की प्रशंसा करते हुए कहा था कि ” में सरदार पोस्ट पर तैनात बल के कार्मिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना की पूरी ब्रिगेड के आकमण को विफल कर असामान्य स्थिति में 12 घंटे से अधिक समय तक अत्यंत वीरतापूर्वक सामना किया तथा पोस्ट को सुरक्षित रखा। यह युद्ध न केवल भारतीय पुलिस बल्कि भारतीय सेना के इतिहास में भी लिखा जाएगा।” श्री सतपाल रावत ने बताया कि आज हम उन सभी वीर जवानों को शत-शत नमन करते हैं जिन्होंने हमारे देश की गरिमा, एकता एवं अखण्डता पर कभी आंच नहीं आने दिया तथा अपने प्राणों की आहुति देकर भी अपने कर्तव्यों को निभाया। संसद हो या अयोध्या या जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर या छत्तीसगढ़ में नक्सल उग्रवादियों के हमले, प्रत्येक को विफल करते हुए मुंहतोड़ जबाब देना सीआरपीएफ की पहचान बन चुका है। यही कारण है कि आज प्रत्येक राज्य सभी अर्धसैनिक बलों में से सीआरपीएफ की मांग सबसे पहले करता है। इस अवसर पर महानिरीक्षक श्री रावत ने सभी अधिकारियों एवं जवानों को आह्वान किया कि वे सदैव शौर्य की परंपरा का अनुकरण करते रहेंगे तथा किसी भी कठिन व प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपना संतुलन व धैर्य बरकरार रखेंगे एवं इस बल की वीरता व शौर्य की परंपराओं का पालन करते हुए देश की आंतरिक सुरुक्षा तथा एकता एवं अखण्डता की रक्षा करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि हम अपने शहीदों के परिवारों को सरकार तथा विभाग के तरफ से मिलने वाले सभी प्रकार के लाभों एवं सुविधाओं को तत्परतापूर्वक समय पर मुहैया कराना सुनिश्चित करते हैं। इस शौर्य परेड में श्री एच० के० कनौजिया, पुलिस उप महानिरीक्षक, श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं अन्य अधिकारीगण तथा अधीनस्थ अधिकारी एवं जवान शामिल हुए।