पटनाः आज आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता को राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन एवं प्रदेश प्रवक्ता हिमराज एवं पैनलिस्ट पल्लवी पटेल एवं प्रतिभा सिंह ने संबोधित करते हुए कहा है कि परिवारवादी दल चाहे दुष्प्रचार कर लें लेकिन नमो-नीतीश की जोड़ी के सामने उनका टिकना नामुमकिन है. पिछले दो चरणों के मतदान में जनता के रुख से यह स्पष्ट हो गया है कि अब जनता विकास चाहती है, किसी परिवार की गुलामी करना नहीं है. इस चुनाव में विपक्षी दलों को जनता वोट की ऐसी चोट देगी कि उनका सूपड़ा साफ हो जाएगा. एनडीए बिहार की सभी चालीसों सीटों को जीत कर एक नया इतिहास रचने वाला है. उन्होंने कहा कि दरअसल नमो-नीतीश की जोड़ी ने देश और राज्य की जनता की वर्षों पुरानी मांगों को पूरा किया है. उनके राज में समाज के तबके का उत्थान हुआ है. इसी का परिणाम है कि जहां पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में जहां पूरे देश से 24.8% लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आये हैं वहीं नीतीश सरकार के राज में 44.52 फीसदी की दर से बिहार के तकरीबन 3.77 करोड़ लोगों की गरीबी मिटी है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों का एकमात्र उद्देश्य विकास है. उनके नेतृत्व में गरीबों के हित में कई तरह की योजनायें चलायी गयी हैं जिनसे उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर में बेहतरीन उन्नति हुई है. बिहार में साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. वहीं केंद्र की आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, मुद्रा जैसी योजनाओं से करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं. इसी तरह बिहार की जीविका योजना ने 1.31 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया है. आज घर-घर में शौचालय, पीने का पानी, बिजली, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन जैसी सुविधाओं की पहुंच हो चुकी है. यह देश और राज्य की उन्नति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस जैसे परिवारवादियों के राज बिहार का विकास जहां गर्त में पहुंच गया था वहीं आज नीतीश राज में बिहार की 10.64 की विकास दर, देश के विकास दर से भी अधिक है. इसी तरह नमो सरकार की नीतियों से देश आज दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. आज एनडीए सरकार के कारण ही बिहार के 80 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है. 1 करोड़ से ऊपर महिलाओं को रसोई के काले धुएं से मुक्ति मिल चुकी है. करोड़ों लोगों को जनधन खातो का लाभ मिल चुका है. बीपीएल कार्ड धारक करोड़ों लोगों के घरों में निशुल्क राशन मिल रहा है. वास्तव में नमो-नीतीश की जोड़ी और केंद्र-राज्य की डबल इंजन सरकार ने परिवारवादी दलों की कालिख को पोछने का काम करते हुए बिहार को अंधकार से प्रकाश की तरफ ला दिया है. हकीकत में विपक्ष को नमो-नीतीश के कामों से सीख लेनी चाहिए कि निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य कैसे किये जाते हैं.नीतीश जी वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के वक्त मात्र 12% लड़कियां स्कूल जाया करती थी जो आज लगभग 98% से अधिक गयी है । इसलिए हर क्लास में लड़के-लड़कियों की संख्या लगभग बराबर है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत 1 से 12 तक के छात्राओं को पोशाक, छात्रवृति, ग्रेजुएशन करने पर 50000/- दी जा रही है. हर लड़की को ग्रेजुएशन तक 1 लाख रुपये मिलता है. महिला उधमी योजना के तहत महिलाओं को 10 लाख तक वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया। जिसमे 5 लाख का अनुदान तथा 5 लाख ऋणमुक्त ब्याज का प्रावधान 7 वर्षो के लिए महिलाओं के लिए किया गया। जातीय जनगणना के अनुसार बिहार में लगभग 94 लाख परिवार गरीब है। जिसको आगे बढ़ाने एवं रोजगार शुरु करने हेतु प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये देने का प्रावधान किया है. ताकि लोग अपना रोजगार शुरु करे और आर्थिक स्वावलम्बी बन सके।