पटना: राजद-कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि जिस राजद-कांग्रेस ने अपने शासन में देश और बिहार लूट का अड्डा बना दिया था, उन्हें प्रधानमन्त्री से दस वर्षों का हिसाब मांगते देख शर्म भी शर्मा गयी है. हकीकत में उन्हें जनता को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में बिहार में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं लोगों को क्यों नहीं मिल पाती थी. उन्हें बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में दलितों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों और महिलाओं को उनका हक क्यों नहीं मिलता था? वह बताएं कि क्यों उनके राज में गरीबों के वोट लूट लिए जाते थे? वह बताएं कि उनके राज में रंगदारी और अपहरण को उद्योग किसने बनाया था? युवाओं के हाथों में कलम की बजाए लाठी और कट्टा किसने थमाया हुआ था?जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राजद-कांग्रेस के नेताओं को बताना चाहिए कि जिस समय यहां के युवा पलायन करने पर मजबूर थे उसी समय उनके युवराजों के पास बिना किसी काम-धंधे के अकूत संपत्ति कहाँ से आ गयी? वह बताएं कि जमीन लेकर नौकरी देने वाले यह लोग मामला खुलने पर भी लोगों की जमीनें क्यों नहीं लौटाते? क्यों उनके राज में दलितों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों और महिलाओं के आरक्षण को नहीं बढाया गया? आज जब नीतिश राज में उनके आरक्षण को बढ़ा दिया गया है तब क्यों उनके नेता इन समाजों के आरक्षण को घटाना चाहते हैं?नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस के नेताओं को जानना चाहिए कि जनता उनके जंगलराज को भूली नहीं है. उन्हें समझना चाहिए कि सिर्फ झूठे सवाल पूछने को ही राजनीति नहीं कहते बल्कि पूछे गये सवालों का जवाब देने की कुव्वत भी होनी चाहिए. अगर वह एक झूठा सवाल उछालेंगे तो उनसे 10 सही सवाल पूछे जायेंगे. इसलिए वह झूठ फरेब की राजनीति छोड़कर उन्हें जनता की सही मन से सेवा करनी चाहिए. नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब उनकी पार्टी का सिंबल सिर्फ संग्रहालयों में नजर आएग.