पटना, २५ मई। साधक-साधिकाओं की छोटी से छोटी इच्छा को भी सदगुरुदेव पूरी करते हैं। जो भी पूरे मन से प्रार्थना करता है, सदगुरु अवश्य ही सुनते हैं। सभी संकटों से रक्षा कर कष्टों का हरण करते हैं। निष्ठापूर्वक नियमित आंतरिक साधना करने वाले साधकों का हर शुभ संकल्प पूरा होता है।इसी तरह के मिलते-जुलते उद्गार अनेक साधक-साधिकाओं ने अपनी अनुभूतियाँ सुनाते हुए व्यक्त किए। ये सब साधकगण, सूक्ष्म आंतरिक साधना पद्धति ‘इस्सयोग’ के प्रवर्त्तक और ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार के महानिर्वाण की स्मृति में गत संध्या कंकड़बाग स्थित ‘गुरुधाम’ में आयोजित पुण्योत्सव में अपनी श्रद्धांजलि दे रहे थे। संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मनिष्ठ सदगुरुमाता माँ विजया जी की दिव्य उपस्थिति में संध्या पौने सात बजे से भजन-संकीर्तन से आरंभ हुए इस पुण्योत्सव में जगत कल्याण हेतु ‘ब्रह्माण्ड-साधना’ और सर्वधर्म प्रार्थना भी संपन्न हुई। बेगूसराय की साधिका ऋतुबाला, बिहारशरीफ़ के साधक कुमार अमित, पटना की गीता देवी, नालंदा की राधिका, सहरसा की रेखा देवी तथा पटना की आकृति ने अपने उद्गार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने किया।इस अवसर पर संस्था के संयुक्त सचिव ई उमेश कुमार, शिवम् झा, लक्ष्मी प्रसाद साहू, श्रीप्रकाश सिंह, सरोज गुटगुटिया, डा जेठानंद सोलंकी,किरण प्रसाद, माया साहू, अनिल कुमार, आनन्द किशोर खरे, प्रभात झा, रविकान्त, राजेश वर्णवाल, मंजू देवी, कमला सोलंकी, ममता जमुआर, सिद्धार्थ, रोहित, सिमरन कुमारी, सुरेंद्र प्रसाद और रागिनी प्रकाश समेत सैकड़ों की संख्या में इस्सयोगी उपस्थित थे।