पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि जमीन लेकर नौकरी बांटने वाले राजद के युवराज मामला खुलने के बाद भी अभी तक गरीब बिहारियों को उनकी जमीनें लौटाने को तैयार नहीं है. बार-बार आग्रह करने के बाद भी जमीन लौटाने के विषय पर उनका मौन रहना यह दर्शाता है कि नौकरी के नाम पर और अधिक जमीन हड़पने की उनकी उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं. इसलिए उन्हें नौकरी के वादों के साथ यह भी साफ़ कर देना चाहिए कि वह नौकरियों की नीलामी कैसे करेंगे. उन्हें बता देना चाहिए कि बिहार के युवाओं को प्रति नौकरी लालू परिवार को कितनी जमीन लिखनी पड़ेगी?उन्होंने कहा कि तेजस्वी को यह भी बताना चाहिए कि वह किस सेक्टर में नौकरियां देंगे? देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि राजद के राज में केवल अपराधी फलते फूलते हैं. उनके जंगलराज में रंगदारी और अपहरण को ‘उद्योग’ माना जाता है. युवाओं के हाथों में कलम की जगह कट्टा थमा कर लूट-पाट और अन्य अपराधों में उनका ‘स्किल डेवलपमेंट’ किया जाता है. इसीलिए इनके शासन में बिहार अपराधियों का स्टार्ट अप हब बन गया था. तेजस्वी को यह भी बताना चाहिए कि उनके राज में फलने-फूलने वाली ‘नक्सल यूनिवर्सिटी’ क्या फिर से शुरू की जायेगी? तेजस्वी को इस विषय पर भी खुलासा करना चाहिए. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हकीकत में ‘मोहब्बत की दूकान’ की आड़ में अपने राजनीतिक गुरु राहुल गाँधी के साथ तेजस्वी ‘झूठ की दूकान’ चला रहे हैं. उन्हें पता है कि एक तरफ जहां उनके राज में बिहार में उद्योग धंधों पर ताला लग गया था, वहीं केंद्र की एनडीए सरकार के दस वर्षों में 51 करोड़ से अधिक रोजगार निर्मित हुए हैं. केवल मुद्रा योजना के जरिये 45 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के लिए ऋण दिया गया है. बेरोजगार केवल राहुल-तेजस्वी जैसे युवराज और उनके शागिर्द हुए हैं. लोग उनके राज का कच्चा-चिटठा पूछने न लग जाए इसीलिए वह रोजगार पर झूठ बोलकर लोगों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि तेजस्वी अच्छे से जानते हैं कि न तो उनका गठबंधन सत्ता में आने वाला है और न ही उन पर वादे पूरे करने का कोई दबाव डालने वाला है. इसीलिए वह जो मुंह में आये बोल रहे हैं. इसके अतिरिक्त झूठे बयानों के जरिये वह लालू परिवार द्वारा किये गये काले कारनामों से अपना पिंड छुड़ाना चाहते हैं. लेकिन उनके कामों से यह साफ़ है कि मौका मिलने पर वह लालू जी का रिकॉर्ड तोड़ने से भी बाज नहीं आएंगे.