पटना: लोकसभा चुनावों के एनडीए की जीत को तय बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि लोकसभा चुनावों की समाप्ति के बाद एक तरफ जहां जनता 4 जून को जश्न मनाने की तैयारी में लगी है वहीं विपक्षी खेमे में मुर्दनी छा गयी है. इनके नेता 4 जून को विलाप करने की तैयारियों में जुट चुके हैं. हार का ठीकरा फोड़ने के लिए नये नये बहानों की खोज की जा रही है. परिणाम आने बाद यह दहाड़े मार कर रोयेंगे. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की राजनीतिक नौटंकी अभी से ही शुरू हो गयी है. इस बार भी अधिक संभावना है कि विपक्षी दल अपनी हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ेंगे. राजभवन पर आरोप लगा कर राजद के नेताओं ने इसे साबित भी कर दिया है. सोशल मीडिया पर भी विपक्षी समर्थकों ने ऐसे ही ऊल-जुलूल बयान देना शुरू कर दिया है. नतीजे आने के बाद इनकी पीड़ा और बढ़ जायेगी. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी दलों का मनोबल इतना गिर गया है कि इन्हें प्रधानमन्त्री मोदी की साधना से भी दिक्कत होने लगी है. उनका मौन भी इनकी कारगुजारियों पर भारी पड़ रहा है. इनकी बेचैनी इतनी बढ़ गयी है इन्होने इस पर रोक लगवाने की शिकायत भी कर दी है. यह दिखाता है कि यह लोग अभी भी अपनी गलतियों को मानने के लिए तैयार नहीं है. इन्हें अभी भी समझ में नहीं आया है झूठ और दुष्प्रचार की राजनीति अब देश में चलने वाली नहीं है. जनता को वंशवाद की शाही व्यवस्था से निकले युवराज नहीं बल्कि लोकतंत्र का पालन करने वाले सेवक चाहिए. विपक्ष को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष में यदि थोड़ी भी समझ होगी तो वह चुनाव परिणामों के बाद झूठ की राजनीति से तौबा कर लेंगे. उन्हें समझ लेना चाहिए कि देश आगे बढ़ चुका है लेकिन उनकी राजनीति अभी भी 90 के दशक में फंसी हुई है. यदि उन्होंने वंशवाद, भ्रष्टाचार और घोटालों से परहेज नहीं किया तो उनके राजनीतिक बेड़े को गर्क होने से कोई नहीं बचा सकता है.