पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि जो राजद जंगलराज के लिए कुख्यात हो और जिसके कुशासन को याद करे के आज भी बिहारियों के रोयें खड़े हो जाते हैं, उसके युवराज के मुंह से कानून व्यवस्था पर प्रवचन सुन किसी को भी हंसी आ जायेगी. राजद के नेताओं के मुंह से कानून पर ज्ञान देना उतना ही हास्यास्पद है, जैसे पाकिस्तान भारत को शांति और अमन की सीख देता है. जनता जानती है कि दोनों ही आतंक और हिंसा के ब्रांड अम्बैसडर हैं. उन्होंने कहा कि राजद के युवराज अगर इतना जान लें कि उनके माता-पिता के राज को जंगलराज किसने और क्यों कहा था तो उनकी बोलती बंद हो जायेगी. अगर वह बयान देने के साथ-साथ थोड़ा इतिहास पढ़ना शुरू कर दें तो उन्हें पता चल जाएगा कि आज के सुशासन और उनके समय के कुशासन में क्या अंतर हैं. उन्हें पता चल जाएगा कि खौफ़ क्या होता है और जिसके कारण उनके राज में शाम के 6 बजे के बाद लोग घरों से निकलते तक नहीं थे. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी को पता करना चाहिए कि यह राजद का राज ही था, जिसने युवाओं की हाथों में कलम की जगह कट्टा थमा दिया था. उनके पाले रंगदारों के कारण न जाने कितनी कंपनियां बंद हो गयी. अपहरण उद्योग बन चुका था, वहीं नरसंहार और हत्या आम बात हो गयी थी. बिहार का भविष्य उनके लालटेन की तरह भुकभुका रहा था. तेजस्वी ने शायद नहीं पढ़ा हो लेकिन बिहार की जनता जानती है कि यह नीतीश सरकार ही है जिसने बिहार को उस अंधकार से बाहर निकाला है. आज खुद तेजस्वी जिस तरह से आधी रात में भी निर्भीक होकर बाहर निकल जाते हैं यह भी नीतीश सरकार की ही देन है. उन्होंने कहा कि वास्तव में तेजस्वी यादव के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा है ही नहीं इसीलिए वह सफेद झूठ बोलने और दुष्प्रचार पर उतर आये हैं. उन्हें न तो तथ्यों का पता रहता है और न ही मुद्दों का, जो भी उनके चाटुकार उन्हें पट्टी पढ़ा देते हैं, उसपर वह बिना सोचे समझे बोल देते हैं. यही वजह है कि वह बार-बार अपनी भद्द पिटवाते रहते हैं.