Kaushlendra Pandey : पेपर लीक करवाने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये कानून की प्रशंसा करते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) कानून, 2024 को अधिसूचित कर देने से पेपर लीक करवाने वाले माफियाओं में बेचैनी फ़ैल गयी है. उन्हें पता चल गया है कि यह कानून उनके लिए काल बनने वाला है. परीक्षाओं में गडबडी करने वाले लोगों को एनडीए सरकार किसी भी कीमत पर बख्शने वाली नहीं है.उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत परीक्षाओं में गड़बड़ी में संलिप्त आरोपितों के लिए 3 से से 5 साल तक की कारावास की सजा का प्रावधान किया है. वहीं संगठित रूप से चीटिंग गिरोह चलाने वालों को 10 साल तक की सज़ा दी जा सकती है. इसके अतिरिक्त उनके लिए साथ-साथ 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने की सज़ा भी मुक़र्रर की गई है. परीक्षा संपन्न कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कोई गिरोह या फिर कोई भी समूह या संस्था इस अपराध में शामिल होता है तो उन्हें भी कम से कम 5 साल की सज़ा भुगतनी होगी, जो 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है. इसके अलावा अगर कोई संस्था इसमें शामिल होती है तो उसकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी. परीक्षा आयोजित करने में जो खर्च आता है, उसकी वसूली भी पेपर लीक गिरोह से ही की जाएगी.जदयू प्रवक्ता ने कहा कि इस कानून के लागू होने से परीक्षा माफिया के साथ-साथ उन्हें संरक्षण देने वाले कुछ ‘ख़ास नेताओं’ के भी हाथ-पांव फूल गये हैं. घोटाले करने का मौका नहीं मिलने से बेचैन इन लोगों ने कमाई का एक जरिया खोज निकाला था, अब उस पर भी केंद्र सरकार की गाज गिर गयी है. सदमें से घिरे यह नेता अब जल्दी ही इस कानून के खिलाफ भी दुष्प्रचार करते नजर आ सकते हैं. यह लोग जान लें कि अब उनकी दाल गलने वाली नहीं है. युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर उनकी जेब भरने का यह क्षेत्र भी बंद होने वाला है.