पटना: राजद को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि लालू परिवार की जमींदारी बचाने के लिए छाती पीट रहे राजद के नेता हर मसले पर बयान देते हैं लेकिन अपने राजकुमार की अवैध कमाई पर उठ रहे सवालों पर उनकी घिग्घी बंध जाती है. हकीकत में उन्हें डर लग जाता है कि कहीं उनके युवराज उन्हें ‘दो मिनट’ के लिए बुला कर उनका हाल भरी सभा में धकिया कर अपमानित किये जाने वाले उनके महासचिव जैसा न कर दें. विकास के समर्थक होने का झूठा ढोंग कर रहे इन नेताओं में यदि थोड़ी भी इंसानियत बची है तो इन्हें बताना चाहिए कि आखिर उनके युवराज नाबालिग रहते ही करोड़ों की संपत्ति के मालिक कैसे बन गये?तेजस्वी को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि झूठ बोलने की सारी हदों को पार कर चुके तेजस्वी से जब भी बिना काम-धंधे के अरजी हुई करोड़ों की संपत्तियों के बारे में सवाल पूछे जाते हैं तो वह उस समय नाबालिग होने की दलील देते हैं. उन्हें बताना चाहिए कि यदि उस समय उन्होंने नादानी में गलती कर दी थी तो आज उन्हें उसे सुधारने से कौन रोक रहा है? उन्हें बताना चाहिए कि यदि वह वास्तव में भ्रष्टाचारी नहीं है तो आम लोगों से हथियाई हुई जमीनों को वापस क्यों नहीं कर देते? वह बताएं कि इस काम को करने से उन्हें कौन रोक रहा है?जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज राजद के समस्त नेता झूठे बयानों के जरिये लालू परिवार द्वारा किये गये काले कारनामों से अपना पिंड छुड़ाना चाहते हैं. उन्हें पता है कि घोटालों के जरिये ‘बिहार के सबसे बड़े जमींदार’ बने तेजस्वी के परिवार ने किसानों, राजद नेताओं, व्यापारियों व आम जनता तक की जमीनों को हथियाया है. यहां तक कि उन्होंने अपने नौकरों तक को नहीं बख्शा. तेजस्वी जान लें कि झूठे बयानों से उनके परिवार के भ्रष्टाचार की कालिख मिटने वाली नहीं है. इसीलिए यदि वह सही में साफ़ मन से राजनीति करना चाहते हैं तो अपनी काली आमदनी को खुद से उजागर कर दें और साथ ही आम लोगों से हड़पी जमीनों को वापस कर बिहार की जनता से माफ़ी मांग एक नये सिरे से शुरुआत करें.