पटना: तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज उनसे 10 सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी जी की राजनीति अब पूरी तरह बेफिजूल की बयानबाजी करने और उसे मीडिया में छपवाने तक ही सीमित हो गयी है. रोजाना यह किसी न किसी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछते हैं लेकिन खुद से पूछे गये सवालों का जवाब देने में इनकी घिग्घी बंध जाती है. तेजस्वी जी को बताना चाहिए कि जनता के सवालों को सुनने और उनके जवाब देने की हिम्मत वह कब दिखायेंगे.सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी को बताना चाहिए कि
1.उनके माता-पिता के राज में बिहार को बीमारू राज्य क्यों कहा जाता था और आज नीतीश राज में बिहार की विकास दर देश की ग्रोथ रेट से लगातार आगे कैसे रह रही है?
- राजद राज में देश भर में बिहारी शब्द गाली की तरह क्यों प्रयोग किया जाता था और आज ऐसा क्यों नहीं होता?
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वह बताएं कि उनके माता-पिता के शासनकाल को कोर्ट ने जंगलराज क्यों कहा था?
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उस समय सड़कों का हाल क्या था और आज क्या है?
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उनके राज में लोगों को बिजली/पानी क्यों नहीं मिलती थी?
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उनके समय अस्पतालों में कुत्ते क्यों घूमते थे और स्कूलों में मवेशी क्यों बांधे जाते थे और आज ऐसा क्यों नहीं होता?
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जिस राघोपुर ने उनके परिवार को सब कुछ दिया, वहां वह एक पुल भी क्यों नहीं बना पाए?
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उनके समय अपहरण और रंगदारी को उद्योग क्यों कहा जाता था?
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राजद के राज में जातीय संघर्ष और नरसंहार किसके शह पर होते थे और नीतीश राज में उसपर लगाम कैसे लग गयी?
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नाबालिग रहते हुए वह करोड़पति कैसे बन गये?
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नौकरी के बदले जमीन का मामला खुलने पर भी वह गरीबों की जमीनें क्यों नहीं वापस कर रहे हैं?
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हमें पता है कि तेजस्वी अपने राजनीतिक गुरु राहुल गाँधी की तरह ‘वार करो और भाग जाओ’ की नीति पर चलते हैं. इसीलिए वह इनके जवाब कभी नहीं देंगे. इसके बावजूद यदि उनमें क्षमता है तो कम से कम घोटालों, गुंडाराज और जमीन कब्जाने के बजाये राजद की कोई एक भी उपलब्धि बता दें.