पटना: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तेजस्वी यादव से कई सवाल पूछते हुए उन्हें जवाब देने की चुनौती दी. उन्होंने कहा कि जिस राजद ने बिहार को लूट का अड्डा बना दिया था, आज उसके युवराज की राजनीतिक नौटंकी और झूठे बयानों को देख कर शर्म भी शर्मा रही है. राजद के काले कारनामों की कालिख पोंछने में व्यस्त युवराज हर बात पर सवाल उठाते हैं, लेकिन यदि उनसे कोई कुछ पूछ ले तो वह सीधे भाग खड़े होते हैं. वह बताएं कि आखिर किस डर से वह सवालों का जवाब देने की हिम्मत नहीं जुटा पाते? क्या वह वार कर के भाग जाने को ही राजनीति मानते हैं?तेजस्वी से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि लाठी और लालटेन को विकास का प्रतीक बताने में जुटे युवराज को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में दलितों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों और महिलाओं को उनका हक क्यों नहीं मिलता था? क्यों उनके राज में दलितों, पिछड़ों-अतिपिछड़ों और महिलाओं के आरक्षण को नहीं बढाया गया? वह बताएं कि क्यों उनके राज में गरीबों के वोट लूट लिए जाते थे? वह बताएं कि उनके राज में रंगदारी और अपहरण को उद्योग किसने बनाया था? किसकी शह पर जातीय नरसंहार होते थे? युवाओं के हाथों में कलम की बजाए लाठी और कट्टा किसने थमाया हुआ था? क्यों लोग शाम ढले घर से बाहर निकलने में घबराते थे?जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी बताएं कि जिस समय बिहार के युवा पलायन करने पर मजबूर थे, उसी समय उनके पास बिना किसी काम-धंधे के अकूत संपत्ति कहाँ से आ गयी? वह बताएं कि जमीन लेकर नौकरी देने वाले यह लोग मामला खुलने पर भी लोगों की जमीनें क्यों नहीं लौटाते? उन्हें जनता को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में बिहार में सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं लोगों को क्यों नहीं मिल पाती थी?उन्होंने कहा कि राजद के युवराज को जानना चाहिए कि झूठे जुमले उछालने से जनता उनके जंगलराज को भूलने वाली नहीं है. उन्हें समझना चाहिए कि सिर्फ झूठे सवाल पूछने को ही राजनीति नहीं कहते बल्कि पूछे गये सवालों का जवाब देने की कुव्वत भी होनी चाहिए. अगर वह एक झूठा सवाल उछालेंगे तो उनसे 10 सही सवाल पूछे जायेंगे.