पटना /देश में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने वाली कृत्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जो कवायद कर रही है, उस कवायद से पहले यह बताएं की अघोषित आपातकाल की स्थिति खड़ी कर किस तरह से आम जनों को केन्द्र सरकार ने कठिनाइयों में डाल दिया है और उनके हक और अधिकार को छीन लिया गया है । केंद्र सरकार जनता को ज्वलंत मुद्दों से भड़काने के लिए इस तरह के मामले को सामने लाने का काम किया है। इन्होंने ने आगे कहा कि आज किसान, छात्र -नौजवान और आमजन परेशानी में है, लेकिन उनको देखने वाला कोई नहीं है। महिला खिलाड़ियों के साथ अत्याचार यौनाचार करने वालों को किस तरह से बचाने का कृत्य किया गया उसको सभी ने देखा ,इतना ही नहीं विपक्षी दलों को परेशान करने के दृष्टिकोण से एजेंसियों के माध्यम से जिस तरह से तंग और तबाह करने की नीति चला रही है और भ्रष्टाचार को सदाचार और शिष्टाचार का रूप देकर उन्ही एजेंसियों के माध्यम से बचाने के लिए पूरक चार्ज सीट दाखिल करवा कर अपने साथ वाले लोगों को बचा रही है , जो स्पष्ट रूप से दिखता है भाजपा ने देश के अंदर किस तरह की व्यवस्था खड़ी कर दी है आज महंगाई के सवाल पर चुप्पी साधे हुए है और भ्रष्टाचार को शिष्टाचार और सदाचार का रूप दिया जाना कहीं ना कहीं 1975 से भी खराब स्थिति में देश को पहुंचा दिया गया और केंद्र सरकार के इस तरह के जन विरोधी कार्य से स्पष्ट हो रहा है कि किस तरह से आम जनों के हितों के खिलाफ केंद्र की सरकार कार्य कर रही है। इन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 1975 के संविधान हत्या दिवस मनाने की जो घोषणा की है उससे पहले से नरेंद्र मोदी सरकार अपने कृत्यों और अपने कार्यों का विवेचना कर ले, तो सब कुछ स्पष्ट रूप से सामने आ जाएगा क्योंकि देश की जनता इस तरह के जन विरोधी कार्यों से परेशानी और संकट की स्थिति में है और जनता की आवाजे नहीं सुनी जा रही है जो कहीं ना कहीं अघोषित आपातकाल की स्थिति की ओर कार्यों को स्पष्ट करता है।