पटना: जदयू के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि घोटालों और अपराध के लिए कुख्यात लालू-राबड़ी राज इतना भयावह था कि आज भी लोग उसे याद करके थर्रा जाते हैं. उस समय लोगों में डर इतना अधिक बैठ चुका था कि लोग 6 बजे से पहले घर को लौट आते थे, ज्यादा देर हुई तो परिवार में कोहराम मच जाता था. पुलिस की ओर से जब भी कोई लाश बरामद होती थी, लोग अपनों के बारे में सोचने लगते थे. रोजगार और शिक्षा की बात गायब थी. पूरे राज्य में अपराधियों, नक्सलियों, रंगदारों और बाहुबलियों की समानांतर सरकार चलती थी, वहीं राजनीतिक दबाव में पुलिस का इकबाल पूरी खत्म कर दिया गया था. थाने में गाड़ी नहीं रहती थी और यदि गाड़ी रहती थी तो डीजल नहीं रहता था. यदि पुलिस किसी अपराधी को गिरफ्तार भी करती थी तो ‘ऊपर’ से फोन आ जाता था. अपराधी मस्त थे और जनता त्रस्त थी. उन्होंने कहा कि उस समय लालू जी कुछ खास परिजनों अलग ही आतंक रहता था. लोगों को गौतम शिल्पी हत्याकांड आज तक याद है. दोनों को मार दिया गया और जिसका नाम आया उसपर कोई कारवाई नहीं हुई. लोग बताते थे कि लालू यादव के घर शादी होती थी तो शोरूम से गाड़ियां उठा ली जाती थीं, सोफे और कुर्सी शो रूम से गायब कर दिये जाते थे. अपने इन्हीं कारनामों से इन्होंने बिहार की छवि ऐसी तार-तार कर दी थी कि बिहार में कोई व्यापार नहीं करना चाहता था. वहीं बाहर काम करने वाले बिहारियों को अपमान झेलना पड़ता था. जदयू महासचिव ने कहा कि अपराध के साथ-साथ उस दौर में घपले-घोटाले आम हो गये थे. चारा से लेकर अलकतरा तक डकार लिया जाता था. जनता के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनायें सिर्फ कागजों तक सिमटी रहती थी. वहीं विकास की बात पूछने पर लालू अजीबोगरीब बयान देने लगते थे. बाढ़ पर कहते थे कि बाढ़ आने से घर में मछली आएगी, लोग पका कर खाएंगे. वहीं सड़क बना देने की बात पर उनका कहना था कि अच्छी सड़क से जानवरों के खुर खराब हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन सारी चीजों पर नीतीश सरकार में लगाम लगी और आज बिहार का कायाकल्प हो चुका है. हर गांव में पक्की सड़कों, बिजली और पानी आदि का जाल बिछ चुका है. स्कूलों, अस्पतालों में नियमित काम-काज होता है. किसी भी तरह का अपराध होने पर पुलिस तुरंत पहुँचती है और अपराधी कितना भी रसूखदार हो उसे छोड़ा नहीं जाता. नीतीश सरकार पर ऊँगली उठाने वाले यह जान लें कि उनका झूठा प्रोपगैंडा जनता की अदालत में पहले भी नहीं टिका था और आगे भी उसका ध्वस्त होना तय है.