Kaushlendra Pandey /नई दिल्ली/ केंद्र सरकार द्वारा आज पेश किये गये बजट के बाद एनडीए के 6 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय वित्तमंत्री से मिलकर बजट में बिहार को दी गयी सौगातों के लिए उनका आभार प्रकट किया. इस प्रतिनिधिमंडल में राजीव रंजन (जदयू), संजय मयूख(भाजपा) विवेक ठाकुर (भाजपा), राम पुकार सिन्हा (रालोसपा) अजय कुमार (लोजपा), श्याम सुंदर शर्मा (हम) शामिल थे. एनडीए नेताओं ने केंद्र सरकार से बिहार को मिली 58,900 करोड़ की योजनाओं से राज्य के विकास को काफी मदद मिलने की बात कही. इस मौके पर उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज देने की मांग पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक कमजोरी की सबसे बड़ी बहस इसके साथ इतिहास में हुआ अन्याय है. इसीलिए 2005 में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के बनने के बाद से ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की जा रही है. यूपीए सरकार ने तो इस विषय पर कुछ नहीं किया लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद राज्य को सवा लाख करोड़ का स्पेशल पैकेज जरुर मिला. इससे बिहार के विकास को गति तो मिली लेकिन इसे विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए यह नाकाफ़ी रहा. इसलिए केंद्र सरकार से हमारी गुजारिश है कि जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता तब तक विशेष पैकेज के जरिये बिहार की मदद को जारी रखे.उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि अत्यंत सीमित संसाधनों के बावजूद नीतीश राज में बिहार ने अपने बलबूते विकास के कई नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं. राज्य की विकास दर लगातार देश की विकास दर से अधिक रही है, वहीं इस मामले में बिहार पूरे देश में तीसरे स्थान पर बना है. इसके बावजूद नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार का पिछड़ना यह दिखाता है कि देश के विकसित राज्यों की कतार में आने के लिए इसे एक आर्थिक बूस्ट की जरूरत है, जिसे विशेष राज्य के दर्जे या विशेष पैकेज के जरिये ही पूरा किया जा सकता है. तत्कालीन कांग्रेसी सरकारों की गलतियों और राजद के कुशासन के कारण बिहार हर मानकों पर पिछड़ता गया. असमानता की खाई इतनी चौड़ी हो गयी है कि इसे बिना किसी इकोनोमिक बूस्ट के जल्द भरा नहीं जा सकता. इसलिए विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज बिहार का हक़ ही नहीं बल्कि अधिकार भी है. केंद्र को समझना चाहिए कि बिहारवासी अपने इस हक और अधिकार के लिए केंद्र से उम्मीद लगाये बैठे हैं. इसकी पूर्ति अवश्य होनी चाहिए.