पटना 22 अगस्त, 2024/ बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, डाॅ0 उर्मिला ठाकुर, अरूण कुमार यादव, आरजू खान अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता उपेंद्र चंद्रवंशी की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्वीकार कर लिया है कि वह अपराधियों पर लगाम लगाने में असमर्थ है, और आम तथा खास दोनों की सुरक्षा सरकार के स्तर से नहीं दी जा रही है। इसी कारण अपने इर्द गिर्द वाले को रेवड़ियों की तरह सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। सुरक्षा देने में कौन सा मानक है यह बात समझ से परे है। बिहार में सरकार द्वारा अपराध अपराधियों पर कार्रवाई की दिशा में लगातार नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव आंकड़ों के साथ सरकार को आईना भी दिखा रहे हैं कि अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई की दिशा में राज्य सरकार पूरी तरह से सुस्त है और सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जी को इनसब चीजों से कोई मतलब नहीं है और वो अवचेतना के शिकार हैं। इनके इर्द-गिर्द रहने वाले लोग और रिटायर्ड पदाधिकारी अपनी दुकान चला रहे हैं और शासन-प्रशासन उन्हीं लोगों के माध्यम से चलाया जा रहा है, जिस कारण कहीं कोई कार्य नहीं हो रहा है और ऐसा लग रहा है कि सरकार में जो लोग बैठे हुए हैं वो अपने हितों में काम कर रहे हैं और जनता से इनको कोई मतलब नहीं है।शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि बिहार में रेवडि़यों की तरह सुरक्षा के श्रेणी तय किये जा रहे हैं और उन्हीं लोगों को सुरक्षा दिया जा रहा है जो मुख्यमंत्री जी के इर्द-गिर्द के पसन्द वाले लोग हैं। इधर हाल के दिनों में मंत्री लेसी सिंह को जेड सुरक्षा प्रदान की गई और इनको किस तरह से सुरक्षा बढ़ायी गई है ये समझ से परे है। उसी तरह से सांसद संजय झा, राजीव प्रताप रूढ़ी और देवेश चन्द्र ठाकुर को जेड और वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई। इस तरह के सुरक्षा मुहैया कराया जाना कहीं न कहीं भेदभाव और सरकार के स्तर से वैसे ही लोगों को सुरक्षा दी जा रही है जो इर्द-गिर्द वाले के पसन्द हैं। इस तरह का सुरक्षा मुहैया कराया जाना स्पष्ट करता है कि नीतीश कैबीनेट में भी सुरक्षा देने में भेदभाव की जा रही है। जहां पिछड़ा का बेटा श्रवण कुमार, जयंत कुशवाहा के सुरक्षा का मानक क्या होगा यह नहीं बताया जा रहा है वहीं अनुसूचित जाति से आने वाले रत्नेश सदा और अल्पसंख्यक समाज का एक मात्र प्रतिनिधित्व करने वाले जमा खान की सुरक्षा पर भी कोई चर्चा नहीं है। क्या ये लोग मुख्यमंत्री के नजर में मंत्री नहीं हैं या उन्हें सुरक्षा व्यवस्था इसलिए मुहैया नहीं कराया जा रहा है क्योंकि ये सभी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं। बिहार में जन प्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है ये बातें हमलोग पहले से कहते आ रहे हैं कि बिहार में कोई भी सुरक्षित नहीं है, तो सरकार मानने के लिए तैयार नहीं थी लेकिन आज जनप्रतिनिधि को जेड, वाई और वाई$ सुरक्षा देकर स्पष्ट हो गया कि इस सरकार में आम से लेकर खास तक सुरक्षित नहीं है। सुरक्षा देने में बिहार का पुलिस महकमा कैसे मानक तय करता है और कहां से मानक तय होते हैं यह समझ से परे है। इन्होंने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव लगातार बिहार में बढ़ते अपराध के मामले को लेकर के सवाल खड़ा कर रहे हैं और सरकार के स्तर से उन सवालों का जवाब नहीं दिया जा रहा है। जहां नेता प्रतिपक्ष को सुरक्षा की आवश्यकता है वहां इन्हें सुरक्षा देने में सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है कि कौन से मानक पर इनको सुरक्षा प्रदान किये जायेंगे। इन्होंने कहा कि बिहार में अपराध का ग्राफ कितना बढ़ रहा है ये स्पष्ट रूप से नेता प्रतिपक्ष के द्वारा सभी अपराध का आंकड़े का बुलेटिन जारी करना और उस पर सरकार की चुप्पी स्पष्ट करता है कि सरकार अपराधियों पर कार्रवाई करने से डरती है और अपराधियों को संरक्षण देती रही है। इन्होंने मुजफ्फरपुर सेल्टर रूम और सृजन के मामले पर सरकार से बताने को कहा है कि वो स्पष्ट करे कि किस तरह से सृजन के आचार और अन्य चीजों का बड़ाई किया जाता था और वो भी उनकी ओर से जो आज पूरी तरह से अवचेतन की स्थिति में है। एक दूसरे सवाल के जवाब पर श्री शक्ति सिंह यादव ने कहा कि श्याम रजक के दल छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पार्टी विचारधारा से चलती है और पार्टी के नेता लालू प्रसाद जी और तेजस्वी जी हमेशा सबको मान-सम्मान देते रहे हैं। इन्होंने अपने इस्तीफे से ही स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय जनता दल ने इन्हें कितना सम्मान दिया था। ये पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से आज इस्तीफा दिये, इसी से स्पष्ट हो जाता है कि उनको पार्टी ने कितना बड़ा सम्मान दिया था। पार्टी बड़ी होती है और पार्टी नीति और विचारों पर चलता है। लालू प्रसाद जी कभी भी उन शक्तियों से समझौता नहीं कर सकते जो देश को कमजोर करने के लिए नफरत वाली राजनीति चलाती रही है।