तेजस की रिपोर्ट-पटना /”माइक्रोबायोलॉजी एवं मोलेक्यूलर बायोलॉजी तकनीकों ” विषय पर पटना के टी० पी० एस० कॉलेज के वॉटनी विभाग द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ । कार्यशाला का शुभारंभ कॉलेज के प्रधानाचार्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । इस मौके पर इस मौके पर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो० उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि माइक्रोबायोलॉजी एक लोकप्रिय कैरियर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आ रहा है । कोरोना काल से इस क्षेत्र में रिसर्च की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है । कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. विनय भूषण कुमार ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी का उपयोग पर्यावरण विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जेनेटिक इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग यूनिट एवं रिसर्च सेंटर में है । इस तीन दिवसीय कार्यशाला में बैक्टीरिया कल्चर, बैक्टीरिया की पहचान, पेयजल की शुद्धता के लिए एम. पी. एन टेस्ट एवं मॉलेक्यूलर में पी० सी० आर. तकनीकी की जानकारी एवं प्रशिक्षण दी जायगी ।इस कार्यशाला में रक्त, मल, मूत्र, पेयजल मिट्टी एवं वायु में पाये जाने वाले वैक्टीरिया की कल्चर की जायगी । इस कार्यशाला में सात महाविद्यालयों के कुल बत्तीस छात्र- छात्राओं एवं रिसर्च स्कॉलर भाग ले रहे हैं । इस मौके पर प्रो० श्यामल किशोर एवं अन्य शिक्षकों ने प्रतिभागियों से मिलकर उनका उत्साह वर्धन किया ।