प्रियंका की रिपोर्ट /एक स्वस्थ और संतुलित पर्यावरण के महत्व , पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में कमी जैसी वैश्विक समस्याओं को रेखांकित कर वर्तमान पर्यावरण के मुद्दों पर वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और जन-जन को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने के लिए रविवार 1 सितंबर 2024 को सुबह 08:00 बजे से 09:00 बजे तक ** उमा फाउंडेशन के संस्थापक श्री ऋषभ तिवारी द्वारा “पेड़ बचाओ, धरती बचाओ” (SAVE TREE, SAVE EARTH) थीम पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन श्री खाटू श्याम मंदिर, ओल्ड हैदराबाद, निशातगंज, लखनऊ में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, मध्य सेक्टर, सीआरपीएफ ने “एक वृक्ष मां के नाम” के तहत अपनी मां श्रीमती शांति देवी जी के नाम से एक वृक्ष रोपित कर अभियान की शुरुआत की तथा उमा फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के आम ,चंदन, जामुन ,अशोक, आँवला ,पीपल ,नीम ,अंजीर ,के कुल ५०० पौधे लगाए
गये |कार्यकम के मुख्य अतिथि श्री कुमार ने एक स्वस्थ एवं संतुलित पर्यावरण के लिए पेड़ों के महत्व तथा पर्यावरण संरक्षण के बारे में सभी का ध्यानाकर्षण करते कहा कि – पेड़ – पौधे जीवन का आधार हैं एवं हमारी प्रकृति की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर हैं। पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती हैं जिसके बिना जीवन संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त, पेड़-पौधे हमारे संपूर्ण वातावरण को स्वच्छ रखते हैं, मिट्टी के क्षरण को रोकने के साथ ही साथ अनेक जीव-जंतुओं को आश्रय भी प्रदान करते हैं।लगातार बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई एवं जंगलों का विनाश हो रहा है जिससे पर्यावरण में तीव्र गति से असंतुलन पैदा हो रहा है। दिन – प्रतिदिन जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है, जिसका प्रमुख कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ही है। अगर हमने समय रहते पेड़ नहीं बचाए और नए पेड़ नही लगाए, तो हमारा भविष्य का अंधकारमय होना निश्चित है। अतः हम सभी को पेड़ों को बचाने के लिए मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है और यह प्रयास हम सभी को आज से ही शुरू करना होगा। इस संबंध में संत कबीर का एक दोहा बहुत ही सार्थक है कि-
“काल करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब।”
हमें सिर्फ एक दिन पर्यावरण के प्रति सोचने के लिए नहीं, बल्कि हर दिन पर्यावरण के प्रति सचेत एवं संवेदनशील रहने तथा उसके संरक्षण हेतु एक ज़िम्मेदार नागरिक बनकर कार्य करने की आवश्यकता है। हम सभी अपने छोटे-छोटे प्रयासों, जैसे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना, पेड़ों की कटाई को रोकना, बिजली-पानी का उचित इस्तेमाल करना, कूड़े कचरे को कम करना और उसका पुनर्चक्रण करना, वाहनों का निम्नतम इस्तेमाल करना, प्लास्टिक थैलों आदि के प्रयोग को रोकना आदि के द्वारा हम पर्यावरण को स्वच्छ, संतुलित और सुरक्षित रखने में अपना अहम योगदान दे सकते हैं। हमें अपने अंदर पर्यावरण संरक्षण की भावना को जागृत कर वृक्षारोपण करना, प्लास्टिक का प्रयोग कम करना,ऊर्जा की बचत, अपने आस पास की साफ सफाई को सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हुए प्राकृतिक संसाधनों जो कि पृथ्वी पर जीवन की संजीवनी के रूप में काम करते हैं की संरक्षा करने का भी संकल्प लेना है। हम प्रकृति के संरक्षक हैं और पर्यावरण की रक्षा के लिए सक्रिय योगदान देना, एक स्वस्थ, सुंदर, हरित, संतुलित और स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी ही नहीं हमारा सामूहिक कर्तव्य है। यह पृथ्वी हमारा एकमात्र आवास है और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे बचाना हमारा सामूहिक दायित्व है जिसके लिए हम सबको मिलकर संकल्पित होना है। जैसा की हम सभी को विदित है की आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग के दौर से गुजर रहा है, जिसका प्रमुख कारण प्राकृतिक संसाधनों का तेजी के साथ दोहन, पेड़ों की अँधा धुंध कटाई, ऊर्जा एवं पानी का दुरपयोग, मोटर वाहनों की अधिकता आदि हैं जिसके कारण विश्व को आये दिन अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ , सुखाड़ , भूकंप आदि प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रहा है। प्रत्येक व्यक्ति यदि एक पेड़ भी लगाता है, तो वह निश्चित ही धरती को हरा-भरा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।अतः प्रत्येक भारतवासी को सरकारी तंत्र पर आश्रित न रह कर जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रथम पंक्ति में आगे आकर स्वयं से विशेष अवसरों जैसे अपने स्वयं व परिवारजनों के जन्मदिवस, शादी की सालगिरह आदि अन्य विशिष्ट अवसरों पर वृक्षा रोपण करें ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित रह सके तथा हमारी आने वाली पीढ़ियां एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण में जीवन जी सकें। जलवायु परिवर्तन के अभिशाप का अंदाजा हम इस बात से भी लगा सकते हैं कि, पहले ही बारिश एक महीने में हुआ करता था वो आज, दो, तीन दिन या एक सप्ताह के अंदर हो जाता है। परिणामस्वरूप, इस विभीषिका से पार पाना जन मानस एवम् सरकारी तंत्र के कंट्रोल से बाहर हो रहा है। अतः हम सभी देशवासियों को प्रत्येक उपलक्ष्य चाहे जन्म दिन हो या मैरिज एनिवर्सरी या अन्य कोई खुशी, हरेक मौके पर पेड़ जरूर लगानी चाहिए ताकि हमारा सुनहरा आज, कल एवम् भविष्य सुरक्षित हो सके। इस कार्यक्रम में उमा फाउंडेशन के कार्यकर्ता शिवा सिंह( कोषाध्यक्ष) आदर्श कुमार, आकांक्षा त्रिपाठी, सत्यम, पलक, पल्लविका, अर्पिता, मयंक, कीर्ति, अमन श्रीवास्तव मौजूद रहे ।