जिलाधिकारी, पटना एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना द्वारा आज दुर्गा प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्मित घाटों का निरीक्षण किया गया। दीघा पाटीपुल घाट, लॉ कॉलेज घाट, भद्र घाट सहित विभिन्न स्थलों पर निर्मित कृत्रिम घाटों एवं अस्थाई तालाबों का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा मूर्ति विसर्जन हेतु आदेश निर्गत किया गया है। इसके अनुसार किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध है। मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पटना शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा 13 कृत्रिम तालाबों का निर्माण किया गया है। जिला के अन्य क्षेत्रों में भी अस्थाई तालाबों का निर्माण किया गया है। इन सभी कृत्रिम घाटों एवं अस्थाई तालाबों पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ है। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को घाटों का एप्रोच रोड सुगम रखने का निदेश दिया गया है। इंट्री एवं एक्जिट अलग-अलग तथा अवरोधमुक्त रखने का निदेश दिया गया है। जुलूसों के साथ थाना की एस्कॉर्ट पार्टी तैनात है। क्यूआरटी नियमित गश्ती कर रही है। विभिन्न घाटों पर अस्थाई नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। आपदा प्रबंधन के मानकों के अनुसार एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति की गई है। गोताखोरों को भी लगाया गया है। नदी में नावों का परिचालन प्रतिबंधित है। पूजा पंडालों के व्यवस्थापकों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से आह्वान किया गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय तथा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कर विसर्जन कार्य संपन्न कराएं। गंगा नदी को प्रदूषण-मुक्त रखें। जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निदेश दिया गया है कि सजग रहकर मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया संपन्न कराएं।