शिवहर, २० नवम्बर। शिवहर ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन का एक पूर्ण दिवसीय अधिवेशन आगामी २३ मार्च को भव्य रूप में आयोजित होगा, जिसमें तीन सौ से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन पर गहन विमर्श करेंगे। अधिवेशन में विविध साहित्यिक विधाओं पर वैचारिक-सत्र भी आयोजित होंगे तथा एक भव्य कवि-सम्मेलन भी आयोजित होगा, जिसमें स्थानीय काव्य-रसिकों को, बिहार और बिहार के बाहर के कवि एवं कवयित्रियों को भी सुनने का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर हिन्दी भाषा और साहित्य के उन्नयन में अपना योगदान देने वाले हिन्दी-सेवियों को विविध उपाधियों से अलंकृत भी किया जाएगा।बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ की उपस्थित में, स्थानीय सत्यवती भवन में, शिवहर ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन की संपन्न हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सुप्रसिद्ध समाजसेवी गिरीश नंदन सिंह ‘प्रशांत’ को आयोजन समिति का अध्यक्ष चुना गया है, जिन्हें पूरी आयोजन समिति तथा अन्य उपसमितियाँ गठित करने हेतु अधिकृत किया गया है। प्रांतीय सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने नव-गठित आयोजन समिति को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की है कि प्रस्तावित अधिवेशन शिवहर ज़िले के साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए एक ऐसी भूमि तैयार करेगा जिस पर मूल्यवान समाज की फसलें उगाई जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि साहित्य में ही समस्त समाज का कल्याण का अजस्र स्रोत अवस्थित है, क्योंकि यह जीवन-रस सृजित करता है। इसी से गुणवत्तापूर्ण और मूल्यवान जीवन के लिए आवश्यक गुण और चरित्र प्राप्त होते हैं। मनुष्य को मनुष्य बनाने की शक्ति और सामर्थ्य साहित्य मे ही है। यही पीड़ितजन की आँखों के आँसू पोंछता है और उनमे नव-जीवन का संचार करता है। इस अवसर पर, गिरीश नंदन सिंह ‘प्रशांत’, वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र प्रसाद सिंह, मोहन फ़तहपुरी, वैद्यनाथ प्रसाद शाहपुरी, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, शंकर सिंह पहाड़पुरी, हरिकांत सिंह, संजय गुप्ता, आकाश कुमार आदि उपस्थित थे।