पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संविधान दिवस पर बिहार की जनता को बधाई दी और कहा कि जिस संविधान की रचना में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के साथ बिहार के डाक्टर राजेंद्र प्रसाद और सच्चिदानंद सिन्हा का ऐतिहासिक योगदान था , उस संविधान की आत्मा को आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस और दलितों-पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराने वाले लालू प्रसाद ने सबसे ज्यादा चोट पहुंचायी। श्री चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने 15 साल के राज में किसी को आरक्षण नहीं दिया। उन्होंने 2001-02 के पंचायती चुनाव बिना आरक्षण दिये ही कराये थे। उन्होंने कहा कि 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार ने
2006 में पहली बार पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के साथ महिलाओं को आरक्षण देकर पंचायत चुनाव कराये। उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार हैं, कोई ताकत संविधान और आरक्षण को समाप्त नहीं कर सकती। श्री चौधरी ने कहा कि पिछड़ा विरोधी कांग्रेस ने 1955 में बनी काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया और मंडल आयोग की रिपोर्ट दबा दी। उप मुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि पिछड़े वर्ग से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अम्बेडकर को सम्मान देने के लिए पंचतीर्थ बनाये, सभी वर्गों को आरक्षण दिया और पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। संविधान दिवस मनाने की शुरुआत भी मोदी सरकार ने की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सत्ता में रह कर लगातार संविधान का अपमान किया, संविधान की धारा-356 का दुरुपयोग कर 100 से अधिक निर्वाचित राज्य सरकारों को बर्खास्त किया, आरक्षण का विरोध किया और वर्षों तक अम्बेडकर को भारत-रत्न से वंचित रखा, वे लोग पिछले लोकसभा चुनाव के समय संविधान की प्रति लेकर जनता को धोखा दे रहे थे। श्री चौधरी ने कहा कि हरियाणा-महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव और बिहार-यूपी मे हुए उपचुनाव ने संविधान पर झूठ फैलाने वालों को नकार दिया।