पटना, १ जनवरी। नववर्ष के प्रथम दिन बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ बुधवार की संध्या बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल डा आरिफ़ मोहम्मद खान से भेंट की तथा उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएँ दी। डा सुलभ ने राज्यपाल से आग्रह किया कि प्रदेश में उच्च शिक्षा में फैल रहे मल को दूर कर उसे स्वच्छ करने की कृपा करें। उन्होंने निवेदन किया कि बिहार कभी अपनी जिस महान ज्ञान-परंपरा के लिए जाना जाता था, उस पर धूल की परत जम गयी है। नए राज्यपाल में वह सामर्थ्य है कि जर्जर हो रही बिहार की शिक्षा-व्यवस्था को उसकी गरिमा के साथ पुनर्प्रतिष्ठित कर सकते हैं।
डा सुलभ ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन की भावी योजनाओं से भी माननीय राज्यपाल को अवगत कराया तथा अपनी पुस्तकें ‘हिन्दी के प्रणम्य पुरुष’, ‘प्रथम पग’, ‘प्रियंवदा’ तथा ‘मैं मरुथल सा चिर प्यासा’ सहित सम्मेलन द्वारा हाल में ही प्रकाशित एक हज़ार आठ पृष्ठों वाला ग्रंथ ‘बिहार की साहित्यिक प्रगति’ भेंट की। डा सुलभ के साथ बिहार के पूर्व विशेष सचिव और सम्मेलन के उपाध्यक्ष डा उपेंद्रनाथ पाण्डेय, वरिष्ठ कथा लेखिका डा पूनम आनन्द, शायरा शमा कौसर ‘शमा’ तथा अधिवक्ता अहसास मणिकान्त ने भी बिहार के नए राज्यपाल से भेंट की और उन्हें बधाई के साथ अपनी-अपनी पुस्तकें भी भेंट की।