जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 09 जनवरी, 2025 ::कर्नाटक राज्य में श्रीरंगपटना से लगभग तीन किलोमीटर दूर कावेरी नदी, लोकपावनी नदी और हेमावती नदी, इन तीन पवित्र नदियाँ एक साथ मंड्या जिला में मिलती है। इसलिए इस जगह को “कावेरी संगम” के नाम से जाना जाता है और कर्नाटक में यह स्थान “कावेरी संगम” से प्रसिद्ध है। इस “कावेरी संगम” को कावेरी नदी के उत्तरी और दक्षिणी द्वीप भी कहा जाता हैं। इन नदियों के संगम को पवित्र स्थान माना जाता है और बहुत से लोग यहाँ पानी में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। “कावेरी संगम” नदी तट पर एक मंदिर भी स्थित है।कर्नाटक राज्य में बहने वाली नादियों में एक नदी है हेमावती नदी। यह नदी कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले के मुदिगेरे तालुका में स्थित है। हेमावती नदी हासन जिले से होकर बहती है और इस जिले के गोरुर गाँव में इस नदी पर एक बाँध बना हुआ है। इसकी मुख्य सहायक नदी है यागाची नदी। हेमावती नदी और यागाची नदी एक साथ मिलकर मांड्या जिले में प्रवेश करती है और फिर कृष्णराजसागर के पास कावेरी नदी में मिल जाती है। हेमावती नदी भी कावेरी नदी की एक सहायक नदी है।लोकपावनी नदी उन पांच नदियों में से एक है जो कर्नाटक के मांड्या जिले से होकर बहती है। यह एक बारहमासी नदी है और कावेरी नदी की सहायक नदियों में से एक है। यह होनाकरे से निकलती है और श्रीरंगपटना से लगभग 3 किलोमीटर दूर कावेरी में मिलने से पहले अरिघट्टा पहाड़ियों से होकर बहती है। यह संगम बिंदु न केवल इन दो नदियों के संगम का प्रतीक है, बल्कि यह वह बिंदु भी है जहां कावेरी की दो अन्य सहायक नदियां नदी में मिलती हैं। लोकपावनी नदी 150 गांवों से होकर गुजरती है और इसमें दो एनीकट हैं। एक बोलेनहल्ली में है और दूसरा उय्यानहल्ली में है। इन एनीकटों का उपयोग मंड्या जिले में कृषि उपयोग के लिए पानी को मोड़ने के लिए किया जाता है। 2013 में, जब यह नदी पहली बार सूख गई थी, तब यह सुर्खियों में आई थी।कावेरी नदी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहने वाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरी से निकलती है। इसकी लम्बाई लगभग 760 किलोमीटर है। यह नदी दक्षिण-पूर्व में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में मिलती है। कावेरी नदी की सिमसा, हेमावती, भवानी उप नदियाँ है। कावेरी नदी के किनारे शहर तिरुचिरापल्ली है जो सनातनों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। कावेरी नदी पर तमिलनाडु में होगेनक्कल जलप्रपात तथा कर्नाटक राज्य में भारचुक्की और बालमुरी जलप्रपात अवस्थित है। प्राचीन तमिल साहित्य में कावेरी नदी को पोन्नी कहा जाता था। आज भी कावेरी नदी को दक्षिण भारत की गंगा कहते है।”कावेरी संगम” से लगभग 1 किलोमीटर दूर गुम्बज है। यह गुम्बज एक मकबरा है, जिसे टीपू सुल्तान ने हैदर अली को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया था। गुम्बज एक द्वीप पर बना है और इसमें टीपू सुल्तान, उनके माता-पिता, हैदर अली और फक्र-उन-निसा की समाधि बनी हुई है।यह एक ऊंचे मंच पर बना है और इसे वास्तुकला की विशिष्ट फ़ारसी शैली को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। गुम्बद एक बड़े आयताकार बगीचे से घिरा हुआ है।इसमें खुले बरामदे और जटिल नक्काशीदार दरवाज़े और जालीदार खिड़कियों के साथ काले, ग्रेनाइट के खंभे हैं। हालाँकि ये देखने में लकड़ी से बने लगते हैं, लेकिन ये काले ग्रेनाइट से बने हैं। दीवारों पर आमतौर पर टीपू सुल्तान से जुड़ी पट्टियाँ बनी हुई हैं।
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