Kaushlendra Pandey -पटना ब्यूरो , 12 जनवरी।बिहार भाजपा कार्यालय में आज न्यायिक एवं चुनाव आयोग संपर्क विभाग द्वारा ‘एक देश-एक चुनाव’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने भाग लिया। उन्होंने इसे देश की भलाई के लिए आवश्यक बताते हुए, इस चुनावी निरंतरता को तोड़ने के लिए कांग्रेस के अहंकार को जिम्मेदार ठहराया।डॉ. जायसवाल ने कहा कि 1951 से 1967 तक देश में सभी चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन बाद में यह प्रक्रिया बाधित हुई। उन्होंने कहा, “यह जानना सबसे जरूरी है कि इस निरंतरता में व्यवधान किसने और क्यों डाला, जिससे आज हमें ‘एक देश-एक चुनाव’ पर चर्चा करनी पड़ रही है।” उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में लगातार बने रहने के उनके अहंकार ने लोकतंत्र को कमजोर किया। राष्ट्रपति शासन लगाकर कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की।
उन्होंने यह भी कहा कि अलग-अलग चुनाव कराने से देश को बड़ा आर्थिक और प्रशासनिक नुकसान हो रहा है। चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य ठप हो जाते हैं। डॉ. जायसवाल ने जोर देकर कहा कि यदि सरकारें पांच साल तक बिना किसी रुकावट के काम करें, तो देश में असाधारण विकास हो सकता है।
जन-जागरूकता की अपील उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अभिवक्ताओं की सराहना की और कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ जैसे मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है।इस मौके पर बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी ‘एक देश-एक चुनाव’ की वकालत की। उन्होंने कहा, “इससे देश के विकास को नई ऊंचाई मिलेगी और राजकोष की बड़ी बचत होगी।”
अन्य वक्ताओं के विचार मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से विकास परियोजनाओं में देरी होती है। ‘एक देश-एक चुनाव’ से यह समस्या दूर होगी।सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.डी. संजय ने कहा कि इस नीति के सकारात्मक प्रभाव ज्यादा हैं और इसे लागू करने के लिए सर्वसम्मति बनानी चाहिए।कार्यक्रम के अन्य प्रमुख लोग इस परिचर्चा की अध्यक्षता राकेश ठाकुर ने की। इस मौके पर मंत्री नितिन नवीन, कार्यक्रम संयोजक दीपक प्रकाश, मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू, शंभु प्रसाद, और प्रियंका राजलक्ष्मी सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।