Kaushlendra Pandey /राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव श्री भोला यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव एवं प्रमोद कुमार सिन्हा की उपस्थिति में प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय सिन्हा ने कल जो सवाल उठाए थे वह पुरी तरह से अपरिपक्व, निराधार, तथ्यहीन और जल्दबाजी में जिनको विभाग की समझ नहीं उनके द्वारा लगाया गया आरोप तथ्यों के आधार पर नहीं बल्कि बिना जानकारी रखे हुए दिया गया वक्तव्य है।
श्री शक्ति सिंह यादव ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अन्दर जो आन्तरिक कलह चल रहा है, उसी से जुड़ा हुआ यह मामला लगता है। विजय सिन्हा ने जो मामले में 2014-2015 के उठाए हैं उस समय नीतीश जी के हीं पथ निर्माण मंत्री रहे हैं। यह कंस्ट्रक्शन से जुड़ा मामला है और भुगतान करने का अधिकार सारी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता, मुख्य अभियंता के स्तर से किया जाता है। गया के वजीरगंज का यह मामला 2014-2015 का है और इसमें भुगतान किस्त दर किस्त होती रही लेकिन कभी भी इस तरह के मामले नहीं उठाया गया और जिनको अपने कर्तव्य क्षेत्राधिकार का और नियम की जानकारी नहीं है वो किस तरह से विभाग चला रहे हैं यह समझा जा सकता है। विशुद्ध रूप से यह तकनीकी मामला है और जिसको देखने के लिए कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, अधीक्षण अभियंता से भुगतान की प्रक्रिया की जाती है। जिनको विभाग की समझ होगी वह इस बात को अच्छी तरह से समझ सकता है। मंत्री ने बिना तथ्य और जानकारी के आरोप लगाए हैं। जिन लोगों ने गलत भुगतान लिया है उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जबकि लगातार भाजपा के ही स्तर से पथ निर्माण विभाग का कार्य देखा जाता रहा है। भाजपा के अन्दर जिस तरह के खेल चल रहे हैं उसी का कहीं न कहीं ये रूप है। उनके द्वारा जो दारू और बालू के माध्यम से भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इन्होंने आगे कहा कि विजय सिन्हा के आरोप फर्जी, वक्तव्य फर्जी और कार्य भी फर्जी है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार विधान सभा में प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में जो कार्यक्रम किये गये थे उस समय भोजन के लिए जो बिल बनाए गए थे उसमें छह हजार रूपये प्रति प्लेट का भुगतान किया गया था। हमलोग जो भी बात कहते हैं वो सच और सच्चाई पर आधारित होता है। आरोप नहीं लगाते हैं जो हुआ है उसी को बताया जा रहा है। नकली दवा का दुकान और अवैध कमाई करने वाले तथ्यहीन, निराधारा और तथ्यों से परे आरोप लगाने से पहले यह बताएं कि उस समय अपर मुख्य सचिव कौन थे और इस तरह के मामले में अपना दामन छुड़ाने के लिए आनन-फानन में बातें रखने से पहले उन्हें ये बताना चाहिए था कि तकनीकी विषय पर विभाग के स्तर से क्या कार्रवाई की गई। और इस तरह के मामलों में संलिप्त कम्पनी को काली सूची में क्यों नहीं डाला गया जबकि सबको पता है कि कोई भी कार्य होने के बाद ही राशि का भुगतान होता है वो भी सारी प्रक्रियाओं के बाद। अंतरकलह से जुझती भाजपा में नियम क्षेत्राधिकार की जानकारी नहीं रखने वाले ऐसा आरोप लगा रहे हैं, वो इतने दिनों तक चुप क्यों रहे और आनन-फानन में जब पे्रस के लोगों ने बात को सामने लाया तब इनकी आंखें खुली। इसी से समझ में आता है कि भाजपा के अंदर खाने की गड़बडि़यों को उजागर किया जा रहा है। ज्ञात हो कि 2014-2015 में पथ निर्माण मंत्री नीतीश जी के चहेते ही थे।